scorecardresearch
सोमवार, 9 जून, 2025
होमदेशएनएसडी ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव में 11 नाटकों का मंचन करेगी

एनएसडी ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव में 11 नाटकों का मंचन करेगी

Text Size:

नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (रानावि) यहां अपने ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव के तहत शुक्रवार से 11 नाट्य प्रस्तुतियां का मंचन करेगा।

रानावि रिपर्टरी कंपनी द्वारा आयोजित रंगमंव महोत्सव की शुरुआत जीन एनोइल के ‘थिव्स कार्निवल’ से होगी जिसका निर्देशन अवतार साहनी ने किया है।

रानावि के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने एक बयान में कहा, ‘रानावि रिपर्टरी कंपनी द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव दिल्ली परिसर में आयोजित सबसे महत्वपूर्ण रंगमंच महोत्सवों में से एक है। इसमें विविध प्रकार की विषय-वस्तु और प्रदर्शन शैलियां प्रस्तुत की जाती हैं, जो दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ गहन शिक्षण का अनुभव भी प्रदान करती हैं।’

इस साल के उत्सव का मुख्य आकर्षण अजय शुक्ला द्वारा लिखित और त्रिपाठी द्वारा निर्देशित ‘ताजमहल का टेंडर’ होगा। इस नाटक में 25 साल बाद मूल कलाकारों के प्रमुख सदस्य शामिल होंगे, जिनमें त्रिपाठी और टीवी एंकर और अभिनेता श्रीवर्धन त्रिवेदी शामिल हैं।

मोहन राकेश द्वारा लिखित और त्रिपुरारी शर्मा द्वारा निर्देशित ‘आधे-अधूरे’ में तीन दशक के बाद इसके मूल कलाकार रवि खानविलकर और प्रतिमा काजमी भी वापसी करेंगे।

एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस महोत्सव में रीता गांगुली द्वारा निर्देशित और कालिदास की संस्कृत विश्व विख्यात कृति ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’, पर आधारित महाश्वेता देवी द्वारा लिखित और उषा गांगुली द्वारा निर्देशित ‘बयेन’, विजयदान देथा की ‘पहेली’ से प्रेरित और अजय कुमार द्वारा निर्देशित ‘माई री मैं का से कहूं’ और इस्माइल चुनारा द्वारा लिखित और राम गोपाल बजाज द्वारा निर्देशित ‘लैला मजनू’ भी प्रदर्शित की जाएंगी।

रानावि रिपर्टरी कंपनी के प्रमुख राजेश सिंह ने कहा, ‘भारत और विदेशों में प्रदर्शन करने के बाद, रानावि रिपर्टरी के लिए इन प्रस्तुतियों को दिल्ली के दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना बहुत खुशी की बात है। इन नाटकों को पूरे देश में, खासकर दिल्ली में बहुत सराहा गया है। हमें उम्मीद है कि दिल्ली-एनसीआर के दर्शक इस महोत्सव का भरपूर आनंद लेंगे।’

महोत्सव में अन्य नाटकों में भी शामिल हैं – ‘बंद गली का आखिरी मकान’, जो धर्मवीर भारती की कहानी पर आधारित है और देवेन्द्र राज अंकुर द्वारा निर्देशित है। ‘बाबूजी’, जो मिथिलेश्वर की कहानी पर आधारित है और राजेश सिंह द्वारा निर्देशित है और ‘अंधा युग’ जो धर्मवीर भारती द्वारा लिखित है और राम गोपाल बजाज द्वारा निर्देशित है।

इसके अलावा, महोत्सव में एक जुलाई को संगीत संध्या का भी आयोजन किया जाएगा।

महोत्सव का समापन 13 जुलाई को आसिफ अली द्वारा लिखित और चित्तरंजन त्रिपाठी द्वारा निर्देशित ‘समुद्र मंथन’ के साथ होगा।

भाषा राखी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments