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Monday, 23 December, 2024
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‘रिपब्लिक से जुड़े हैं NSA और PMO’- अर्णब गोस्वामी के ‘व्हाट्सएप चैट्स’ से TRP घोटाले में आया नया मोड़

अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व-चीफ एग्ज़ीक्यूटिव के बीच कथित व्हाट्सएप चैट्स में, जो टीआरपी केस की चार्जशीट में दर्ज की गई हैं, अर्णब की समृति ईरानी से ‘दोस्ती’ और ‘सरकार में पहुंच’ का ज़िक्र किया गया है.

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मुंबई: ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के चीफ एग्ज़ीक्यूटिव पार्थो दासगुप्ता और पत्रकार अर्णब गोस्वामी ने आपस में साठ-गांठ करके, अर्णब के न्यूज़ चैनल रिपब्लिक टीवी को विरोधी चैनलों के ऊपर बढ़त दिलाई- ये खुलासा दोनों के बीच व्हाट्सएप पर हुई कथित बातचीत से हुआ है, जो शुक्रवार को वायरल हुआ.

अन्य बातों के अलावा, दोनों के बीच हुई कथित बातचीत में, टीवी रेटिंग्स को लेकर कुछ सुधार प्रस्तावों के खिलाफ, राजनीतिज्ञों और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में लॉबीइंग करने पर चर्चा की गई है.

ये व्हाट्सएप बातचीत मुंबई पुलिस की जांच का हिस्सा है, जो वो न्यूज़ चैनलों द्वारा टेलीवीज़न रेटिंग प्वॉइंट्स (टीआरपी) में कथित हेराफेरी के सिलसिले में कर रही है जिसमें रिपब्लिक टीवी और कुछ अन्य चैनल शामिल हैं.

इन दस्तावेज़ों के शीर्षक के अनुसार, मुंबई के कांदिवली पुलिस स्टेशन ने इन्हें पिछले साल दिसंबर में, दासगुप्ता के मोबाइल फोन के पंचनामे के तौर पर दर्ज किया था. चैट्स ऑनलाइन में कथित रूप से गोस्वामी और ‘पीडीजी’ के बीच बातचीत का ब्योरा दिया गया है. मुंबई पुलिस के दस्तावेज़ों में ‘पीडीजी’ की पहचान दासगुप्ता के तौर पर की गई है.

मुंबई पुलिस ने दासगुप्ता को पिछले साल 24 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था और उसके बाद से वो इस मामले में एक आरोप पत्र और एक पूरक आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने, जो नाम नहीं बताना चाहते थे, दिप्रिंट को बताया कि व्हाट्सएप बातचीत- जो एक हज़ार से अधिक पन्नों की है- पूरक चार्जशीट का हिस्सा है.

टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर, मुंबई पुलिस उपायुक्त एस चैतन्य ने कहा, ‘मुंबई पुलिस को इन दस्तावेज़ों पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है’.

बार्क प्रवक्ता ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. प्रवक्ता ने कहा, ‘चूंकि ये मामला कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच का विषय है, इसलिए हम आपके सवालों के जवाब देने से विवश हैं’

दिप्रिंट ने गोस्वामी से टिप्पणी के लिए एक लिखित संदेश और वॉयसमेल के ज़रिए संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन इस रिपोर्ट के छपने तक उनका कोई जवाब नहीं मिला था. फोन से संपर्क किए जाने पर दासगुप्ता के वकील शार्दुल सिंह ठाकुर ने बोलने से मना कर दिया.


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‘समृति अच्छी दोस्त’

बार्क एक औद्योगिक इकाई है, जो भारत में टेलीवीज़न रेटिंग्स की निगरानी करती है. इसके अंदर विज्ञापन दाताओं और टेलीवीज़न उद्योग, दोनों के नुमाइंदे रहते हैं.

पिछले साल के अंत में, मुंबई पुलिस ने एक घोटाले को बेनकाब करने का दावा किया जिसमें अधिक विज्ञापन खींचने के लिए कुछ न्यूज़ चैनल कथित रूप से टीआरपी में हेराफेरी कर रहे थे. गोस्वामी ने, जो एडिटर-इन-चीफ के नाते रिपब्लिक टीवी के मुखिया हैं, इन आरोपों का खंडन किया.

गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच तथाकथित व्हाट्सएप संदेशों में, गोस्वामी को कथित रूप से सरकार के अंदर, अपनी पहुंच के बारे में शेखी बघारते देखा जा सकता है.

17 जुलाई 2017 की एक बातचीत में, गोस्वामी ने दासगुप्ता को बताया कि ‘वेंकैया संभावित उप-राष्ट्रपति हैं’. ये वही दिन था जब नायडू, जो उस समय आईएंडबी मंत्री थे, बीजेपी के संसदीय बोर्ड की मीटिंग में उप-राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित हुए थे.

इस पर दासगुप्ता ने कथित रूप से जवाब दिया, ‘तो मंत्री का फिर बदलाव’ और फिर आगे कहा ‘तो फिर अगला आईएंडबी कौन’.

गोस्वामी ने कहा, ‘श्रुति..समृति’. उन्होंने आगे कहा, ‘बहुत खुश हूं. वो एक फाइटर हैं और बहुत अच्छी दोस्त’. नायडू के वीपी की दौड़ में आ जाने के बाद केंद्रीय मंत्री समृति ईरानी ने आईएंडबी मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार ले लिया.

उन्होंने कहा, ‘जे के बारे में चिंतित था’. दासगुप्ता ने जवाब दिया, ‘मिल आओ..क्या तुम फ्री हो’. इसपर गोस्वामी ने कहा ‘व्यवस्था करूंगा, पक्का’.

30 अगस्त को एक चैट में, पार्थो ने कहा, ‘पीएमओ पर कोई प्रोग्रेस’ जिसपर गोस्वामी ने जवाब दिया, ‘हां, जावड़ेकर से भी कल मुंबई में मिल रहा हूं’.

दासगुप्ता ने कथित रूप से जवाब दिया, ‘सच कहूं तो वो बेकार हैं और उनका सचिव तो और भी. कोई स्टैंड लेकर लागू ही नहीं कर सकते’.

गोस्वामी ने कथित रूप से कहा, ‘पीएमओ से अलग तरह से डील किया जा रहा है’.

अगस्त 2019 में एक और बातचीत में, गोस्वामी ने कथित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अपने संपर्कों पर ज़ोर दिया. ये बातचीत कथित तौर पर 2 अगस्त को हुई, अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने से तीन दिन पहले.

उसी दिन, दासगुप्ता ने कथित रूप से गोस्वामी से पूछा कि क्या ये सही है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस ले ली जाएगी, जिसके जवाब में गोस्वामी ने जवाब दिया, ‘सर’.

उन्होंने आगे कहा, ‘सर, ब्रेकिंग में मेरे प्लैटिनम स्टैंडर्ड्स हैं और ये स्टोरी हमारी है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘सोमवार को एनएसए और पीएमओ से मिल रहा हूं’.

आगे की बातचीत में गोस्वामी ने कथित तौर पर कहा कि कैसे रिपब्लिक ‘जेएंडके खबर में सबसे आगे था’.

कुछ दिनों के बाद, गोस्वामी ने कहा, ‘कल का दिन बहुत बड़ा था क्योंकि श्रीनगर में उतरने वाले मेरे पहले रिपोर्टर्स भारत से थे. बीती रात, सबसे पहले सबसे बड़ी खबर मैंने दी. आज मुझे एनएसए से फोन आया और पूछा गया कि मुझे ये खबर कैसे लगी. एनएसए और पीएमओ में हर कोई भारत देख रहा है’.

‘मीडिया सलाहकार का पद’

16 अक्टूबर 2019 को दासगुप्ता ने गोस्वामी से पूछा कि क्या वो ‘पीएमओ में मीडिया सलाहकार जैसा कोई पद’ दिलाने में उनकी मदद कर सकते हैं क्योंकि वो ‘बार्क से ऊब गए हैं’.

दोनों ने इस पर भी बातचीत की कि जून 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद, एक्टर कंगना रनौत के रिपब्लिक टीवी को दिए इंटरव्यू से चैनल की टीआरपी कैसे बढ़ गई थी.

दासगुप्ता ने इस बात के लिए गोस्वामी की प्रशंसा की कि उन्होंने रनौत से वो बातें कहलवा लीं, जो ‘विवादास्पद’ थीं.

16 अगस्त 2019 को हुई एक बातचीत में, दासगुप्ता ने कथित रूप से गोस्वामी से शिकायत की कि पत्रकार रजत शर्मा गोस्वामी के साथ उनकी ‘नज़दीकियों’ के चलते, उनके लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. लेकिन गोस्वामी ने कथित तौर पर उनसे कहा कि वो चिंता न करें क्योंकि ‘जेटली के लगभग चले जाने के बाद से, रजत मुसीबत में हैं’.

गोस्वामी ने कहा, ‘रजत का खेल खत्म है. अब उनकी बकवास मत सुनिए’. लेकिन दासगुप्ता ने कहा कि, ‘दूसरे तो सुनते हैं’.

सितंबर 2019 में, रजत शर्मा के टीवी न्यूज़ चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाली इकाई, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन का अध्यक्ष नियुक्त होने पर दासगुप्ता ने गोस्वामी से कहा, ‘तो, मोटा भाई का असर यहां काम नहीं आया, रजत एनबीए हेड चुन लिए गए’.

‘मोटा भाई’ का इस्तेमाल गुजराती लोग बड़े भाई के लिए करते हैं.

उसी साल सौरव गांगुली की बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद गोस्वामी ने कहा, ‘रजत बिल्कुल मूर्ख लगते हैं, चूंकि उन्होंने घोषित कर दिया है कि वो बीसीसीआई पर कब्ज़ा करने जा रहे हैं’.

ये बातचीत उस भनभनाहट की तरफ इशारा मालूम पड़ती है कि शर्मा बीसीसीआई अध्यक्ष के पद की होड़ में थे.


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ट्राई के बारे में

गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच कथित व्हाट्सएप बातचीत में, रेटिंग्स का हिसाब लगाने के तरीके में कुछ सुधार लाने के बारे में भी, दोनों के बीच चर्चा हुई जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना भी शामिल था.

2018 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) और आईएंडबी मंत्रालय के बीच एक प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, जिसमें डीटीएच ऑपरेटर्स को नए सेट टॉप बक्सों में एक नई चिप लगानी थी जिससे देखे गए चैनल्स और उनकी अवधि के डेटा का हिसाब रखा जा सकता था.

कथित व्हाट्सएप चैट्स में, दासगुप्ता ने कथित रूप से गोस्वामी से कहा कि ‘ट्राई प्रस्ताव’ से ‘दोनों पक्षों को’ सियासी तौर पर नुकसान होगा.

दासगुप्ता ने कथित तौर पर गोस्वामी से ये भी कहा कि वो नेताओं के साथ अपने संपर्क इस्तेमाल करके, उस प्रस्ताव को नाकाम कराएं, जो घरों में लगने वाले मीटर के मैन्युअल सिस्टम की जगह लेने वाला था जो फिलहाल चलन में है.

दस्तावेज़ों के अनुसार, मार्च 2019 में दासगुप्ता ने गोस्वामी से कहा, ‘ट्राई हमारे खिलाफ गलत खबरें फैला रही है कि हम रेटिंग्स सामने नहीं रख रहे हैं. विज्ञापन वाली उस खबर में भी मैंने बीजेपी की मदद की थी…अब समय है कि वो उन लोगों को देखें, जो उनके खिलाफ हैं’.

अगले महीने हुई एक और कथित बातचीत में गोस्वामी ने कहा, ‘दो महीने में, अगर बीजेपी आ जाती है, तो ट्राई के दांत नहीं रहेंगे. उन्होंने एएस से टक्कर ली है जिसने उन्हें पीछे हटने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं हटे’.

दस्तावेज़ों से पता चलता है कि इस पर दासगुप्ता ने गोस्वामी से पूछा कि क्या वो ‘एएस’ को टेक्स्ट करके ट्राई की खिंचाई करवा सकते हैं. गोस्वामी राज़ी हो गए लेकिन उन्होंने दासगुप्ता से ऐसे तीन कारण बताने को कहा, जो वो एएस के साथ साझा करके उन्हें समझा सकें कि ये कदम राजनीतिक रूप से उन्हें किस तरह नुकसान पहुंचाएगा.

अपने संदेशों में, दासगुप्ता अपने खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना से भी चिंतित नज़र आए. उन्होंने कहा, ‘अपने कारण बताओ में उन्होंने कहा है कि बार्क कुछ बड़े हितधारकों के आदेशानुसार काम कर रहा है…मैं सुन रहा हूं कि अगर उन्होंने कोई हरकत की तो मेरा पासपोर्ट वगैरह वापस लिया जा सकता है’.

दो दिन बाद, दासगुप्ता को संदेश भेजते हुए गोस्वामी ने कथित रूप से कहा कि ट्राई पर एक कड़ा संदेश दे दिया गया है.

बाद में उसी महीने, इसी मुद्दे पर एक और कथित बातचीत में, गोस्वामी ने कहा, ‘पीएमओ में महत्वपूर्ण लोग’ इस मुद्दे से वाकिफ हैं.

मई में, लोकसभा चुनावों के बाद गोस्वामी ने कथित रूप से, टेक्स्ट करके दासगुप्ता से कहा कि अब वो ‘खुशी से पीछे ढकेल सकते हैं’.

उन्होंने कथित रूप से लिखा, ‘अच्छी खबर. अमित शाह सरकार में. व्यवस्था बदल गई. पूरी तरह सफाई. अब आप ‘ख़ुशी से पीछे ढकेल सकते हैं’.

उन्होंने कहा, ‘अमित शाह अब एमआईबी (सूचना एवं प्रसारण मंत्री) हैं…मतलब ये कि कोई भी आए, फर्क नहीं पड़ता’.

‘रिपब्लिक के खिलाफ शिकायत’

मई 2017 में रिपब्लिक टीवी के आने के फौरन बाद ही, दासगुप्ता ने गोस्वामी को मैसेज करके बताया कि न्यूज़ चैनल एनडीटीवी ने रिपब्लिक के दोहरे एलसीएन (लॉजिकल चैनल नंबर) के बारे में शिकायत की है. एलसीएन एक पहचान नंबर होता है, जो किसी न्यूज़ चैनल को दिया जाता है. दोहरे एलसीएन से डिस्ट्रीब्यूटर्स किसी चैनल को उनकी शैली से बाहर रख सकते हैं जिससे रेटिंग्स बढ़ने में मदद मिलती है.

गोस्वामी ने कहा, ‘जो ग्रुप आपको कॉल कर रहा है, उसका कोई असर नहीं है. अब कोई सचिव भी इंडिया टुडे से नहीं मिलता, एनडीटीवी का तो कई बार सरकार बहिष्कार कर देती है’. गोस्वामी ने ये भी कहा कि उनके पास इंडिया टुडे का एक पत्र है, जिसमें दोहरे एलसीएन की मांग की गई है. इस पर दासगुप्ता ने कथित तौर पर जवाब दिया कि गोस्वामी को उसे लीक कर देना चाहिए क्योंकि अब ‘गंदा खेल खेलना चाहिए’.

दोहरे एलसीएन के इस्तेमाल पर, नेटवर्क के हिंदी न्यूज़ चैनल रिपब्लिक भारत के लॉन्च के बाद भी, विवाद खड़ा हुआ था. फरवरी 2019 में, ट्राई को इसी बारे में टीवी टुडे नेटवर्क के स्वामित्व वाले आज तक, इंडिया टीवी और न्यूज़ 18 से शिकायतें मिली थीं.

उसी साल मार्च में, दासगुप्ता ने गोस्वामी को कथित रूप से, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की एक मीटिंग के बारे में मैसेज किया, जहां अन्य बातों के अलावा, ‘पार्थो-अर्णब नज़दीकियों, लैंडिंग पेजेज़ और हमेशा की तरह, रिपब्लिक के दोहरे एलसीएन पर चर्चा की गई’.

लैंडिंग पेज वो चैनल होता है, जिसपर कोई टेलीवीज़न खुलते ही, स्वत: लग जाता है.

अगस्त में, गोस्वामी ने दासगुप्ता से पूछा कि टीवी 18, कैसे उछलकर नंबर 2 पर पहुंच गया. इसके बाद दोनों में कथित रूप से बातचीत हुई कि किस तरह ‘सरकार इसमें मदद कर सकती है’.

गोस्वामी ने कहा, ‘हमने सब कुछ किया और टीवी 18 कुछ नहीं करता. टीवी 18 लैंडिंग को नापे जाने को लेकर इतना आश्वस्त है कि वो नेटवर्क्स को छोड़ रहा है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘टीवी 18 को इस तरह जीतने मत दीजिए’.

दासगुप्ता ने कथित रूप से जवाब दिया कि बार्क प्रबंधन को स्वतंत्र होना चाहिए और ये भी कि ‘कोई ऐसा होने नहीं दे रहा है’.

गोस्वामी ने कथित तौर पर कहा कि सरकार को लगता है कि बार्क टीवी 18 की मदद कर रहा है.

गोस्वामी ने कहा, ‘पीएमओ के लोगों ने कल एक चैनल हेड से कहा कि टीवी 18 इस तरह जीत रहा है. आप टीवी 18 की लैंडिंग को नियंत्रित कीजिए, उनकी सामग्री को देखते हुए, वो 7 प्रतिशत नीचे आ जाएंगे’.

इसपर दासगुप्ता ने कहा, ‘उसे बहुत नियंत्रित किया जा रहा है’.

‘खुफिया जानकारी साझा’

दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कई मौकों पर दासगुप्ता और गोस्वामी ने एक दूसरे के साथ खुफिया डेटा भी साझा किया.

2017 में दासगुप्ता ने कथित रूप से गोस्वामी से कहा, ‘अगर आपके पास एक्सक्ल्यूसिव खबरे तैयार हैं, तो आपको बार्क से बात करनी चाहिए कि पहले सप्ताह में डेटा जारी करें. हम किसी को भी रोज़ाना की रीच के आंकड़े नहीं देते- खुश टीमें अनाधिकारिक रूप से समन्वय कर रही हैं’.

इसी तरह 2019 में रिपब्लिक भारत के लॉन्च के बाद गोस्वामी ने दासगुप्ता से कहा, ‘मैं पूरी लड़ाई लड़ूंगा, पार्थो बॉस. सच कहूं, तो मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा और हर सुझाव पर अमल करूंगा ताकि हम सबसे ऊपर पहुंच जाएं. प्रसारण का एक सेकंड भी जीत के बिना नहीं रहेगा’.

दासगुप्ता ने जवाब दिया, ‘मैं श्योर हूं बॉस, हम कहीं और वो चीज़ें साझा नहीं करेंगे, जो हम आपके साथ करते हैं’.

बाद में उसी महीने, गोस्वामी को भेजे गए दासगुप्ता के एक और कथित संदेश में कहा गया, ‘मैं आपकी सफलती की पूरी कामना करता हूं. इस बीच मैं सरकार और बड़े प्रसारकों के बीच पिस रहा हूं’.

एक और संदेश में गोस्वामी ने दासगुप्ता को बताया, ‘याद है बार्क पर आपको मुझे जो चीज़ देनी थी? मीटिंग अगले हफ्ते के मध्य में है’. इस पर दासगुप्ता ने जवाब दिया, ‘अपना जी-मेल देखिए. अपनी खुद की भाषा इस्तेमाल कीजिए’.

गोस्वामी ने कहा, ‘हां, मैंने जो किया था उसे बदल लूंगा, उसमें जोड़ लूंगा और उसे विस्तार दे दूंगा’.

जुलाई 2019 में, अर्णब ने कथित रूप से दासगुप्ता से शिकायत की कि उन्हें बहुत धक्का लगा है चूंकि टीआरपी मनमाफिक नहीं थीं. दासगुप्ता ने फिर कथित रूप से सुझाव दिया कि वो ‘खुफिया ब्रेक रणनीति’ पर नज़र डालें. उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने एक और बार्क अधिकारी, रोमिल रामगढ़िया से उन्हें दिखाने के लिए कहा था कि न्यूज़ 18 की रणनीति कैसे काम करती है.

दस्तावेज़ों के अनुसार, गोस्वामी ने कहा, ‘मैं ब्रेक रणनीति की समीक्षा करूंगा’.

दासगुप्ता ने जवाब दिया, ‘मैंने रोमिल से कहा है कि आपको दिखाए कि न्यूज़ 18 में किस तरह के कट्स होते हैं’.

उन्होंने कथित रूप से कहा, ‘एक नज़र डालिए. बेशक, ये गोपनीय है’.

गोस्वामी ने कथित रूप से जवाब दिया, ‘मैं समझता हूं. हम भी ब्रेक स्ट्रेटजी पर जानकारी लेंगे’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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