नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद और आईएसआईएस से प्रभावित आतंकवाद मानवता के लिए लगातार खतरा बना हुआ है.
राष्ट्रीय राजधानी में भारत में सामाजिक एकता और शांति को लेकर उलेमाओं की भूमिका पर हो रहे एक कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, हम दोनों ही देश आतंकवाद और अलगाववाद से पीड़ित हैं. हालांकि हमने काफी हद तक इस पर पार पाई है लेकिन आतंकवाद अभी भी खतरा बना हुआ है.’
एनएसए डोभाल ने कहा कि आज की बातचीत का लक्ष्य भारतीय और इंडोनेशिया के उलेमा और स्कॉलर्स को एक साथ लाना है जो एकता, सद्भावना और शांति के विचार को आगे लेकर जाएं.
उन्होंने कहा, ‘हिंसात्मक अतिवाद, आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में ये कारगर साबित होगा.’
डोभाल ने कहा, ‘किसी भी तरह से अतिवाद, कट्टरपंथ और धर्म के गलत इस्तेमाल को सही नहीं ठहराया जा सकता. यह धर्म का गलत इस्तेमाल है जिसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए. अतिवाद और आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि इस्लाम का मतलब शांति और सलामती है.’
इंडोनेशिया के मंत्री मोहम्मद महफूद एमडी इस कार्यक्रम में अजीत डोभाल के निमंत्रण पर मौजूद थे.
इंडोनेशिया से आए उलेमा भारत में अपने समकक्षों से भी मुलाकात करेंगे. सूत्रों ने एएनआई को बताया, ‘इस्लामिक समाज में उलेमा की महत्वपूर्ण भूमिका है.’
इस कार्यक्रम में तीन सेशन आयोजित होंगे जिसमें पहला इस्लाम: निरंतरता और बदलाव, दूसरा अंतर्धार्मिक समाज में सामंजस्य स्थापित करना और अंतिम सेशन भारत और इंडोनेशिया में कट्टरता और अतिवाद का सामना, पर होगा.
इंडोनेशिया से आए उलेमा अपनी इस यात्रा के दौरान दूसरे धर्मों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. बता दें कि इंडोनेशिया में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है.
गौरतलब है कि इस साल मार्च महीने में एनएसए अजीत डोभाल ने दूसरे इंडो-इंडोनेशिया रक्षा संवाद में शिरकत की थी. उसी समय उन्होंने मंत्री महफूद को भारत आने का निमंत्रण दिया था.
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