लखनऊ /नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कर दी. इसके साथ ही ट्रस्ट के अध्यक्ष और सदस्य कौन-कौन होंगे इसकी उधेड़ बुन भी शुरू हो गई है. रेस में सबसे आगे रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम चल रहा है. वहीं विश्वहिंदू परिषद् और अन्य साधु संतों द्वारा उम्मीद की जा रही है कि मंहत नृत्य गोपाल दास को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
दिप्रिंट को विश्व हिंदू परिषद से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने टेलीफोन से बातचीत में बताया,’ नृत्यगोपाल दास का नाम ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में सबसे आगे चल रहा है वहीं ट्रस्ट के लिए निर्मोही अखाड़े की तरफ से पांच लोगों के नाम दिए गए थे. इसमें से संभवत् महंत धर्मदास को ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है.लेकिन अंतिम निर्णय सरकार द्वारा ही लिया जाएगा.’
भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की स्थापता से संबंधित गजट अधिसूचना जारी कर दी है…ट्रस्ट को आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1, नई दिल्ली 110048 रजिस्टर्ड ऑफिस होगा. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता और राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद का केस लड़ने वाले के परासरन भी राम मंदिर ट्रस्ट में एक ट्रस्टी हो सकते हैं.
भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र' ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी की। ट्रस्ट को R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट -1, नई दिल्ली, 110048 में अपने पंजीकृत कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया है। pic.twitter.com/fb9cNpukbY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2020
हिंदूमहासभा के वकील हरिशंकर जैन ने दिप्रिंट से कहा, यह ट्रस्ट पांच और 25 सदस्यों का भी हो सकता है. सदस्यों के लिए कोर्ट ने कोई सीमा निर्धारित नहीं की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा भी कि निर्मोही अखाड़े का एक प्रतिनिधि इसमें रहेगा ही रहेगा. बाकि कौन होगा इस पर सरकार निर्णय करेगी.’
जल्दी घोषित करें सदस्यों के नाम
दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने प्रधानमंत्री के सदन में राममंदिर ट्रस्ट की घोषणा के बाद टेलीफोन से की बातचीत में दिप्रिंट से कहा कि ट्रस्ट की घोषणा तो हो गई लेकिन जल्द ही उसके सदस्यों के नाम की घोषणा भी कर देनी चाहिए.
वह आगे कहते हैं, ‘इसमें दिगंबर अखाड़ा भी शामिल होना चाहिए क्योंकि हमारे महंत परमहंस दास ने 1949 से इस लड़ाई को लड़ा. मोदी जी को राम नवमी के दिन मंदिर का शिलान्यास करना चाहिए.’
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उन्होंने कहा, ‘इस मंदिर को विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बनाया जाना चाहिए. हम ये भी चाहते हैं कि सीएम योगी को भी ट्रस्ट में जगह मिलनी चाहिए क्योंकि राम मंदिर आंदोलन में उनके गुरू महंत अवैधनाथ की अहम भूमिका थी.’
‘महंत नृत्य गोपालदास के अध्यक्ष बनने की उम्मीद’
मणिरामदास छावनी के महंत कमलनयन दास का कहना है ट्रस्ट की घोषणा होना एक खुशखबरी है. प्रधानमंत्री जी इसके लिए बधाई के पात्र हैं.
दास ने दिप्रिंट से बातचीत में इच्छा जाहिर की, ‘रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास को ही इसका अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. जहां तक मेरी जानकारी है तो विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय भी इसके सदस्य हो सकते हैं.’
समय से हो गई घोषणा: वीएचपी
हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने दिप्रिंट से कहा कि ट्रस्ट बन गया है समय के अंतर्गत बना है इससे बड़ी खुशी की क्या बात हो सकती है. यह पूछे जाने पर ट्रस्ट में उनकी भूमिका क्या होगी
राय आगे कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने का फैसला सुनाया था. जब तक ट्रस्ट के सदस्यों के नाम की घोषणा नहीं होती तब तक ये कहना जल्दबाजी होगी की मैं उसमें रहूंगा या नहीं. मुझे पूरी उम्मीद है कि ट्रस्ट में वीएचपी की भूमिका अहम होगी क्योंकि मंदिर आंदोलन में भी अहम थी.’
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने दिप्रिंट से कहा, ‘सरकार जो भी फैसला करेगी वह स्वीकार है.’
वह आगे कहते हैं, ‘ट्रस्ट में शामिल होने की इच्छा तमाम संतो की है लेकिन सरकार जिसे भी शामिल करेगी वह हमें मंजूर है. हम हर फैसले में सरकार के साथ हैं.’
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, ‘मंदिर के साथ-साथ मस्जिद की जमीन की घोषणा कर दी गई है. अयोध्या सौहार्द की नगरी है. यहां हिंदू मुस्लिम, हम सब मिलजुल कर रहते हैं. प्रधानमंत्री ने जो घोषणा की है उसका हम स्वागत करते हैं.’
मस्जिद के लिए जमीन का ऐलान
उत्तर प्रदेश सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दिए जाने पर भी मुहर लग गई है. अयोध्या के रौनाही में ये ज़मीन दी जाएगी. रौनाही अयोध्या-लखनऊ मार्ग पर है. सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया, ‘श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद सुप्रीम कोर्ट के 9 नवम्बर के आदेश में 5 एकड़ भूमि आवंटित किये जाने के सम्बंध में 5 एकड़ जमीन तीन माह के अंदर किया जाना निर्धारित किया गया था जिसमें भारत सरकार ने तीन विकल्पों में ग्राम धनीपुर तहसील सोहलावलपुर के थाना रौनाहीपुर को चुना है. यह जमीन लखनऊ-अयोध्या हाई-वे पर अयोध्या से करीब 22 किलोमीटर पहले है.’
कौन होगा दलित सदस्य
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्यों के बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ट्रस्ट के 15 सदस्यों में एक सदस्य हमेशा दलित समाज से होगा.’ ‘अब अयोध्या में संतों के बीच इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि वह दलित सदस्य कौन होगा.’
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने वाले ऐसे अभूतपूर्व निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को अनेक अनेक बधाई देता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) February 5, 2020
‘सदस्य विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़ा हो सकता है इसके भी कयास लगाए जा रहे हैं.’
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ट्रस्ट में इसके अलावा दिगंबर निर्वाणी अणी अखाड़ा, रामानुज संप्रदाय कौशलेश सदन,अशर्फी भवन के महंत के अलावा कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजवार मठ, ज्योतिष पीठ बद्रिका आश्रम के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है.इन सबके अलावा विश्वहिंदू परिषद् के भी प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावना है.