नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि छोटे हथियारों के घरेलू उधोग को बढ़ावा देने के लिए, दो ताज़ा तरीन इज़राइली असॉल्ट रायफलें- एराड और कार्मेल- भारत में ही बनने जा रही हैं.
ये असॉल्ट हथियार ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत मध्य प्रदेश में बनाए जाएंगे, जहां 2017 में इज़राइल वैपन्स सिस्टम्स ने, पीएलआर सिस्टम्स नाम के संयुक्त उद्यम के तहत एक प्लांट स्थापित किया था.
पुंज लॉयड की शुरू में संयुक्त उद्यम में 51 हिस्सेदारी थी, लेकिन बाद में इस उद्योग समूह के सामने क़र्ज़ की समस्या पेश आने के बाद, उसे फोरेसेज़ सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी ने ख़रीद लिया.
सूत्रों के अनुसार, ज्वायंट वेंचर का उद्देश्य, राज्यों की पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अलावा, थलसेना, नौसेना और वायुसेना के विशेष बलों से कॉन्ट्रेक्ट हासिल करना है.
दिलचस्प ये है कि पीएलआर सिस्टम्स, जिसे अब कर्नल अजय सोनी चलाते हैं, पहले से ही टेवर सीरीज़- जो भारत में स्पेशल फोर्सेज़ के लिए एक प्रमुख आधार है- जैसे बहुत से छोटे हथियार बनाती है, जैसे गलिल स्नाइपर रायफल, उज़ी प्रो सब मशीन गन, मसादा पिस्टल, और नेगेव लाइट मशीन गन (एलएमजी), जिनमें 40 से 60 प्रतिशत स्वदेशी अंश है.
संयोग से, लंबे समय से अपनी इंसास रायफल्स को बदलने की इच्छा के तहत, सेना ने पिछले साल फास्ट ट्रैक प्रोसेस के अंतर्गत, 74,000 अमेरिकन सिग सॉयर 7.62X55 एमएम असॉल्ट रायफल्स-एसआजी-716 के लिए समझौता किया था.
इन रायफल्स का इस्तेमाल अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों द्वारा किया जाएगा, साथ ही बाक़ी बलों के लिए सेना ने, 7.62 X39 रायफल- एमएम एके-203 का भी चयन किया है, जिसे सरकारी कंपनी ओएफबी और रशियन कलाशनिकोव रायफल्स के संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया जाएगा.
घटनाक्रम से वाक़िफ एक सूत्र ने बताया,’योजना ये है कि भारत में एक संयुक्त उपक्रम के ज़रिए, एराड और कार्मेल बनाई जाएं जो आईडब्लूआई की ओर से ताज़ तरीन पेशकश हैं’.
सूत्रों ने कहा कि दूसरे मामलों से उलट, जिनमें देश में मिले ऑर्डर्स के आधार पर मेक इन इंडिया होता है, पीएलआर सिस्टम्स भारत में इन हथियारों को बनाकर, उन्हें ट्रायल्स के लिए पेश कर रही है.
कंपनी, गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बलों को, पहले ही बहुत सी यूनिट्स दे चुकी है, और अब उन्हें कार्मेल और एराड पेश किए जाने की योजना है.
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कार्मेल और एराड
कार्मेल आधुनिक लड़ाई के लिए, एक मल्टी-परपज़ मॉड्युलर 5.56 X45 एमएम कैलिबर असॉल्ट रायफल है, जिसे दुनिया भर में बहुत से ग्राहकों को सप्लाई किया जा चुका है.
आईडब्लूआई के अनुसार, इस रायफल को ऑपरेशनल ज़रूरतों, सैन्य या क़ानून प्रवर्तन कार्यों- जैसे वाहनों से गश्त, सीक्यूबी (क्लोज़ क्वाटर्स कॉम्बैट), अंडर कवर मिशंस, क़रीबी और मध्यम दूरी की कॉम्बैट एंगेजमेंट, पुलिस के विभिन्न ऑपरेशंस और वीआईपी संरक्षण- के हिसाब से आसानी से ढाला जा सकता है.
ये एक पूरी तरह द्विहत्था प्लेटफॉर्म है, जिसके हर ओर मिलिट्री स्टैण्डर्ड 1913 पिकैटिनी रेल्स हैं, जिससे ये किसी भी उपलब्ध दृष्य, उपकरण या एक्सेसरीज़ के अनुकूल हो जाता है.
एराड एक एम-4 टाइप असॉल्ट रायफल है, जो हर तरह की लड़ाई के लिए बनी है, और जिसके कैलिबर्स को बदला जा सकता है. इस रायफल में बदलाव करके, दो अलग कैलिबर की बुलेट्स-5.56 और 300 बीएलके से शूट किया जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि संयुक्त उपक्रम, भारत में बने अपने उत्पाद के निर्यात की संभावनाएं भी देख रहा है.
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