नई दिल्ली: झारखंड के गढ़वा जिले का एक स्कूल पिछले दिनों इस बात से चर्चा में बना रहा कि वहां प्रार्थना के दौरान बच्चे हाथ जोड़कर नही बांधकर प्रार्थना करते हैं. खबर ये भी आई की उस इलाके में 75 फीसदी मुस्लिम रहते हैं, इसलिए स्कूल के सारे नियम इस्लामिक होने चाहिए. वहां के स्थानीय लोगों पर आरोप लगा कि उन लोगों ने प्रशासन पर दबाव बनाकर स्कूल की प्रार्थना के नियम बदलवा दिए, स्कूल के और भी कई नियमों में बदलाव कराए हैं. स्कूल के सांप्रदायिक रंग में रंगने को लेकर इलाके में विरोध हो रहा है वहीं दिप्रिंट से बात करते हुए वहां के बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने आरोपियों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है.
स्कूल के प्रधानाध्यापक योगेश्वर राम ने दिप्रिंट से बातचीत के दौरान बताया कि अब सारा विवाद शांत हो चुका है. यह पूछे जाने पर कि स्कूल में प्रार्थना को लेकर पहले क्या नियम थे–के जवाब में प्रधानाध्यापक ने बताया कि ‘कुछ दिनों पहले मुझ पर प्रार्थना के नियम को लेकर दवाब बनाया गया था जिसकी शिकायत मैंने स्थानीय मुखिया और शिक्षा विभाग से की थी.’
योगेश्वर राम ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘सारा विवाद अब बिल्कुल शांत हो गया है, अब कोई दिक्कत नहीं है. प्रार्थना अब सही तरीके से हो रही है.’
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी के विधायक तो मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘यहां पर वैसी कोई बात है ही नहीं, ये तो देखने वाली चीज है. वो आकर यहां देख सकते हैं कि यहां सब कुछ सामान्य है. हम खुद यहां के निवासी भी हैं. यहां हम 2001 से काम कर रहे हैं. यहां हिंदू-मुस्लिम सब एक होकर रहते हैं. शादी-विवाह में भी सब साथ-साथ रहते हैं. किसी तरह की यहां कोई दिक्कत नहीं है.’
उन्होंने बताया, ‘जब प्रार्थना हाथ बांधकर हो रही थी तो मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा था. अब बहुत अच्छा है, बहुत खुशी है. बच्चे भी सब खुश हैं.’
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हाथ जोड़ कर होने लगी प्रार्थना
जिले के सदर मुख्यालय के कोरवाडीह राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में ज्यादातर बच्चे मुस्लिम समुदाय के पढ़ते हैं. इसलिए प्रिंसिपल पर दबाव बनाया गया कि यहां इस्लामिक नियम के मुताबिक प्रार्थना होनी चाहिए.
वहीं कोरवाडीह पंचायत के मुखिया शरीफ अंसारी भी मुस्लिम समुदाय से हैं. उन्होंने एक वेब पोर्टल से बातचीत में कहा कि अखबार में पढ़कर मैं परेशान हो गया.
उन्होंने आगे कहा, ‘यह गांव गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. स्कूल नियम से ही चलेगा, किसी के कहने से नहीं. ऐसा होगा तो हम मुखिया पद से इस्तीफा दे देंगे. विद्यालय से निकले पूर्व छात्रों ने कहा कि हम लोग जब पढ़ते थे तो हाथ जोड़कर ही प्रार्थना करते थे.’
खबर के मुताबिक इसके बाद शिक्षा पदाधिकरियों ने दौरा किया. मुखिया को बुलाकर स्कूल के बच्चों को समझाया गया कि प्रार्थना हाथ जोड़ कर ही करनी है. इसके बाद बच्चों ने सबकी उपस्थिति में हाथ जोड़कर प्रार्थना की. राष्ट्रगान भी गाया गया.
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि खबरें मिली थीं तो डीसी साहब के निर्देश पर हम लोग यहां आये थे. सभी लोगों के सामने जैसे पहले प्रार्थना होती थी वैसे ही हाथ जोड़कर प्रार्थना हुई. भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सभी को निर्देश दिया गया है.
बीजेपी विधायक ने कहा आरोपियों पर कार्रवाई हो
मामले की शिकायत करने वाले बीजेपी विधायक भानुप्रताप शाही ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘अभी तक एक्शन नहीं हुआ है जो लोग आरोपी हैं उन्हें चिन्हित नहीं किया गया है. सरकार कहीं न कहीं से सपोर्ट में है. यहां के लोकल एमएलए मिथिलेश ठाकुर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) यानि हेमंत सोरेन की पार्टी के हैं. वह सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री भी हैं. शाही ने कहा प्रिंसिपल को डराकर प्रार्थना को चेंज कराया गया है.’
शाही ने कहा, ‘दबाव डालने वाले लोग गांव के ही है, उन्हें अभी तक चिन्हित कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन प्रशासन चिन्हित क्यों नहीं कर रहा है? उन्होंने कहा कि हमारे कहने पर शिक्षामंत्री ने डीएम को फोन किया. डीएम के कहने पर जो जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं वो लोग स्कूल गए, लोकल स्तर विडियो, लोकल थाना के लोग गये थे. इन सब की मौजूदगी में हाथ जोड़कर प्रार्थना फिर से शुरू कराई गई.’
विधायक भानुप्रताप ने कहा, ‘लेकिन हम चाहते हैं कि कार्रवाई होनी चाहिए. जिन लोगों ने बोला हमारी 75 फीसदी संख्या है, हमारे हिसाब से विद्यालय में प्रार्थना होनी चाहिए उन लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर इस तरह की मानसिकता पैदा हो रही है तो ये कल के लिए खतरनाक है.’
वहीं जब से यह खबर सामने आई है सोशल मीडिया पर लोग इसे खूब शेयर कर रहे हैं और इसके खिलाफ अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज करा रहे हैं.
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