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Saturday, 21 December, 2024
होमदेश'केंद्र ने Apple को भेजा गया नोटिस', IT सचिव बोले- CERT-In ने शुरू की जांच, एप्पल करेगा सहयोग

‘केंद्र ने Apple को भेजा गया नोटिस’, IT सचिव बोले- CERT-In ने शुरू की जांच, एप्पल करेगा सहयोग

शशि थरूर, राघव चड्ढा, प्रियंका चतुर्वेदी, असदुद्दीन ओवैसी और अन्य सहित विपक्षी नेताओं ने अपने एप्पल उपकरणों पर हैकिंग अलर्ट का आरोप लगाया था.

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नई दिल्ली: आईटी सचिव एस कृष्णन ने गुरुवार को कहा कि सीईआरटी-इन ने विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए एप्पल अलर्ट मुद्दे पर अपनी जांच शुरू कर दी है और कंपनी को एक नोटिस भेजा गया है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि एप्पल इस मुद्दे पर सीईआरटी-इन की जांच में सहयोग करेगा.

कृष्णन ने Meity-NSF अनुसंधान सहयोग से संबंधित एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, “CERT-In ने अपनी जांच शुरू कर दी है. वे (Apple) इस जांच में सहयोग करेंगे.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टी एस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को इसी तरह का संदेश मिला है.

नेताओं ने अपने Apple उपकरणों पर प्राप्त चेतावनी के कथित स्क्रीनशॉट भी एक्स पर शेयर किए थे.

इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅस टीम या सीईआरटी-इन कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी घटनाओं के घटित होने पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है.

विपक्षी पार्टियों का कहना हैं कि केंद्र सरकार ने उनके डिवाइस को हैक करने की कोशिश की है, जिस वज़ह से उनके एप्पल डिवाइस पर हैकिंग अलर्ट आए हैं. जबकिल विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए केंद्र ने दावों की जांच के आदेश दिए हैं.

केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है और कहा कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी.

इस बीच, एप्पल ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं. यह संभव है कि कुछ एप्पल खतरे की सूचनाएं झूठी अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चला है.


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