नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मिर्गी को स्वास्थ्य बीमा के दायरे से बाहर रखने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘संवेदना फाउंडेशन’ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) को नोटिस जारी किए।
याचिका में अनुच्छेद 14 और 21 के तहत मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों के उल्लंघन के लिए आईआरडीए के मास्टर प्लान को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के मानकीकरण पर आईआरडीए के मुख्य परिपत्र ने मिर्गी को बीमा के दायरे से बाहर रखा है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी मिर्गी को सीधे बीमा के दायरे में नहीं रखती हैं क्योंकि इसे मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
भाषा शफीक माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.