नई दिल्ली: यूट्यूब विज्ञापनों में सरकारी लोगो के इस्तेमाल की चिंताओं के बारे में बात करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि वह इसे सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निजी प्लेटफार्मों द्वारा कैंपन को लेकर “अधिक सावधानी” बरतने का आदेश दिया गया है.
हाल ही में यूट्यूब द्वारा कुछ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों के पहले पन्ने पर प्रकाशित एक विज्ञापन अभियान में इस ऑनलाइन वीडियो-होस्टिंग ने प्लेटफ़ॉर्म कंज्यूमर्स को “केवल वास्तविक विशेषज्ञों पर भरोसा करने” के लिए कहते हुए एक विज्ञापन छापा था. साथ ही विज्ञापन में प्लेटफ़ॉर्म पर व्यक्तिगत प्रभावशाली लोगों की तस्वीरें और हैंडल भी प्रकाशित किया गया था. इस विज्ञापन में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) का लोगो भी शामिल था.
इसके बाद कई प्रमुख हस्तियों ने सरकार द्वारा ‘प्रभावशाली लोगों का समर्थन’ करने पर सवाल उठाए थे.
इस मुद्दे पर एक ट्वीट का जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “ यह किसी भी व्यक्ति या सोशल मीडिया प्लेटफार्म का समर्थन नहीं है. @GoI_MeitY सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को प्रोत्साहित करता है और इसके लिए सभी वास्तविक अभियानों/वकालत को आगे बढ़ाता है लेकिन यह कोई समर्थन नहीं है.”
उनके ट्वीट में कहा गया, “यह देखते हुए कि इस प्रकार के विज्ञापनों की गलत व्याख्या की जा सकती है, मैंने निजी प्लेटफार्मों द्वारा इन अभियानों में सरकारी लोगो के अधिक सावधानीपूर्वक उपयोग की सलाह दी है.”
दिप्रिंट ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए यूट्यूब से संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट के प्रकाशन तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
सोशल मीडिया पर ‘फर्जी’ इन्फ्लुएंसर की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है जो लोगों को वित्तीय सलाह के नाम पर उन्हें धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं.
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