बेंगलुरु, 28 अगस्त (भाषा) जनता दल (सेकुलर) के नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह विश्व प्रसिद्ध ‘मैसूरु दशहरा-2025’ समारोह के उद्घाटन के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने के कर्नाटक सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के इस बयान की आलोचना की कि चामुंडी पहाड़ी और देवी चामुंडेश्वरी केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं हैं। उन्होंने इसे ‘अहंकार’ बताया।
कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनके (बानू मुश्ताक के) खिलाफ नहीं हूं जिन्हें दशहरा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है।’’
शिवकुमार के इस बयान पर कि चामुंडी पहाड़ी केवल हिंदुओं की नहीं है, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा अहंकार नहीं होना चाहिए। उद्घाटन के लिए बानू मुश्ताक को आमंत्रित करना अलग बात है, लेकिन धार्मिक मामलों पर इस तरह के बयान देने से सरकार को परेशानी होगी और उन्हें इसका सामना करना पड़ेगा।’’
उपमुख्यमंत्री ने यह बयान अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को इस वर्ष 22 सितंबर को चामुंडी हिल्स पर विश्व प्रसिद्ध ‘मैसूरु दशहरा-2025’ समारोह का उद्घाटन करने के लिए दिए गए सरकारी निमंत्रण के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिया था।
बानू मुश्ताक का एक पुराना वीडियो वायरल होने के बाद, भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा लेखिका को दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने के फैसले पर आपत्ति जताई है।
वीडियो में, मुश्ताक को कथित तौर पर कन्नड भाषा की ‘देवी भुवनेश्वरी’ के रूप में पूजा करने पर आपत्ति जताते और यह कहते सुना जा सकता है कि यह उनके जैसे लोगों (अल्पसंख्यकों) के लिए बहिष्कार है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और मैसूरु के सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार सहित कई भाजपा नेताओं ने सोमवार को मुश्ताक से दशहरा का उद्घाटन करने की सहमति देने से पहले देवी चामुंडेश्वरी के प्रति अपनी श्रद्धा स्पष्ट करने को कहा।
हालांकि, मुश्ताक ने दावा किया है कि उनके पुराने भाषण के चुनिंदा हिस्सों को वायरल करके उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
धर्मस्थल मामले के संबंध में, कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यों से आने वाले दिनों में भगवान मंजूनाथ (मंदिर नगरी के देवता) से दैवीय दंड मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार ने एसआईटी के नाम पर और जांच की आड़ में ऐसा व्यवहार किया है जिससे धर्मस्थल का अपमान हुआ है…वामपंथी संलिप्तता के दावों सहित कई बातें आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएंगी।’’
भाषा वैभव पवनेश
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