बलिया (उप्र), 21 जून (भाषा) भीषण गर्मी के बीच बलिया जिला अस्पताल में पिछले दिनों अनेक मरीजों की मौत की जांच करने पहुंची टीम का नेतृत्व कर रहे निदेशक (संचारी रोग) डॉक्टर ए के सिंह ने बुधवार को दावा किया कि जिले में लू की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है।
जिला अस्पताल में कथित रूप से ‘हीट स्ट्रोक’ के कारण बड़ी संख्या में मौतें होने की खबरों की जांच के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ से बलिया भेजी गयी दो सदस्यीय टीम के मुखिया सिंह ने बताया कि टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाकर पड़ताल की है।
उन्होंने दावा किया कि जिले में लू की वजह से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उनका कहना था कि लू के कारण नहीं, बल्कि पुरानी बीमारी और वृद्धावस्था की वजह से मौतें हुई हैं।
जब उनसे कहा गया कि गर्मी कम होने के बाद जिला अस्पताल में मरने वालों की संख्या में गिरावट आयी है तो क्या यह इस बात का प्रमाण नहीं है कि जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ से मौतें हुई हैं, तब डॉक्टर सिंह ने कहा, ”नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर ऐसा होता तो गांवों में अफरा-तफरी होते और पशु-पक्षी भी बेहाल होते।”
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल पहुंचने में मरीजों को कई घंटे की देर हो गयी, जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही देर बात उनकी मौत हुई, फलस्वरूप मौतों का आंकड़ा बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि जांच टीम को अब खून के नमूनों की जांच रिपोर्ट के साथ ही जिले के हैंडपम्पों के पानी की जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वह बृहस्पतिवार को मिल जाएगी जिसके बाद जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी।
इस बीच, बलिया जिला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत हो गई है। जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा एस के यादव ने बताया कि जिला चिकित्सालय में विभिन्न रोगों से 19 जून को पांच एवं 20 जून को तीन लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही अस्पताल में मौत का आंकड़ा बढ़कर 76 हो गया है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नारद राय के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बुधवार को जिला चिकित्सालय पहुंचे और उन्होंने रोगियों के बीच फल वितरित किये।
राय ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि बलिया में हो रही मौतें कोरोना से भी बड़ी महामारी का नतीजा हैं। उनका कहना था कि जिला में अब तक कम से कम 10 हजार लोग बीमार हो चुके हैं और लगभग एक हजार मरीजों की मौत हो चुकी है।
भाषा सं सलीम राजकुमार
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