मुंबई, 27 अप्रैल (भाषा) मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय में लगी आग को लेकर सोमवार को राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि एक भी कागज नहीं जला, जबकि राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने आग बुझाने में ‘देरी’ पर सवाल उठाए।
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने ईडी अधिकारियों से बात की है। ईडी (कार्यालय) में प्रत्येक कागज सुरक्षित है। वहां कागजों की मिरर इमेजिंग और भंडारण की व्यवस्था है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आग के कारण कोई मामला (जारी जांच) प्रभावित नहीं हुआ है।’’
पत्रकारों से बात करते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘क्या इतनी महत्वपूर्ण इमारत का कोई अग्नि संबंधी अंकेक्षण नहीं हुआ था? क्या वहां फाइलों का बैकअप था? दुनिया डिजिटल हो गई है। जली हुई फाइलों का बैकअप जरूर होगा। अगर यह बैकअप नहीं है, तो यह चौंकाने वाला है।’’
सुले ने ईडी कार्यालय में लगी आग को गंभीर मुद्दा बताया और दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने में की गई देरी पर सवाल उठाया।
रविवार की सुबह दक्षिण मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में भीषण आग लग गई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया, जिसमें दस्तावेज और उपकरण जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए।
सुले ने कहा, ‘‘ईडी कार्यालय में आग लगना एक गंभीर मुद्दा है। यह इलाका भीड़भाड़ वाला नहीं है। जहां पार्किंग या भीड़भाड़ नहीं है, वहां दमकल की गाड़ी किस समय घटनास्थल पर पहुंची? आग को 10 से 15 मिनट में बुझा दिया जाना चाहिए था।’’
उन्होंने इमारत में अग्नि सुरक्षा मानदंडों पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या इमारत में अग्नि ऑडिट किया गया था?
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि एजेंसी ने अपना खुद का कार्यालय जला दिया। हालांकि, उन्होंने इस दावे के समर्थन में कुछ नहीं कहा।
सपकाल ने कहा, ‘राजनीतिक दलबदल सुनिश्चित करने के लिए ईडी का दुरुपयोग किया गया। इस आग के बाद, अब वे यह दावा करने के लिए स्वतंत्र हैं कि उन व्यक्तियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।’
भाषा रंजन नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.