दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के भापुरा गांव में मोहम्मद रिज़वी कुरैशी के घर तक का रास्ता गूगल मैप्स पर लगभग गायब है, जिससे यहां आने वाले लोगों को जीपीएस के बजाय स्थानीय लोगों की मदद पर निर्भर रहना पड़ता है.
27 अगस्त तक यह चुनौतीपूर्ण हो सकता था. अधिकांश लोग उस 20 साल के युवक को नहीं जानते थे, जो अपने तीन भाइयों के साथ अपने पिता मोहम्मद अनिस कुरैशी की स्थानीय बाज़ार में पंक्चर मरम्मत की दुकान में काम करता है.
लेकिन अब लोग दूर-दूर से आने वालों को रिज़वी के घर तक मार्गदर्शन कर सकते हैं.
28 अगस्त की आधी रात के तुरंत बाद, बड़ी संख्या में पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें उसी दिन कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की राजनीतिक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्द प्रयोग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
यह कार्यक्रम स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता नौशाद आलम द्वारा आयोजित किया गया था, ताकि लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा का स्वागत किया जा सके, जो उस क्षेत्र से गुज़र रही थी.
हालांकि, जब घटना हुई, तो राहुल या तेजस्वी वहां मौजूद नहीं थे. एक छोटा वीडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता है कि रिज़वी माइक्रोफोन के सामने अपशब्द कह रहे हैं और तुरंत उन्हें हटा दिया गया. इसे न्यूज़ चैनलों ने दिखाया और दोनों, सत्ताधारी जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन और विपक्ष ने इसकी निंदा की.
चुनाव-पूर्व बिहार में यह मामला बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टिप्पणी पर अपने दुख जताए और कहा कि इसे बिहार के लोग माफ नहीं करेंगे. घटना के दो दिन बाद, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पटना में कांग्रेस कार्यालय पर धावा बोला.
बाद में पुलिस ने आरोपी को रिजवी के रूप में पहचाना. रिज़वी पर दर्ज विभिन्न आरोपों में से एक भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 है, जो देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को चुनौती देने वाले कार्यों को अपराध मानती है. रिज़वी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.
भापुरा, जो जेले विधानसभा क्षेत्र में आता है और जहां बीजेपी का कब्ज़ा है, में रिज़वी का परिवार अभी भी दुखी है. छोटे भाई मोहम्मद सहवान कुरैशी ने कहा कि उनकी मां, जो हृदय रोग से पीड़ित हैं, उनको बेटे की गिरफ्तारी का झटका सहन न होने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
रिज़वी की चाची नसिमा खातून ने दिप्रिंट को बताया, “हम प्रधानमंत्री मोदी से विनम्र निवेदन करते हैं कि हमारे बच्चे को माफ कर दें. उन्हें वे शब्द नहीं बोलने चाहिए थे. हम उनके तरफ से माफी मांगते हैं, लेकिन वह अपराधी नहीं हैं, न ही किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं.”
रिज़वी के खिलाफ एफआईआर सिमरी पुलिस थाना में दर्ज की गई थी, यह शिकायत बीजेपी दरभंगा जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण चौधरी द्वारा की गई थी.
परिवार ने कहा कि रिज़वी ने मैट्रिक तक पढ़ाई पूरी नहीं की है. चारों भाईयों ने भी स्कूल की शिक्षा पूरी नहीं ली है, इसे उन्होंने परिवार की कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण बताया.
आरोपी के चाचा ताहिर कुरैशी ने कहा, “जो उसने किया, वह गलत था, लेकिन हम पीएम से अपील करते हैं, जो पूरे देश के संरक्षक हैं, कि उन्हें किसी भयंकर अपराधी की तरह न माना जाए. ऐसे लोग जो बड़े अपराध कर चुके हैं, वो तो आज भी आज़ाद घूम रहे हैं.”
रिज़वी के चचेरे भाई आर्ज़ू कुरैशी ने कहा कि परिवार का किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, “रिज़वी के पिता पंक्चर मरम्मत की दुकान चलाते हैं. मैं पटना में ड्राइवरी का काम करता हूं. एक अन्य चचेरे भाई की चाय की दुकान है. हमारे घर की हालत देखिए. क्या हमारे पास राजनीति के लिए वक्त है? रिज़वी ने अब तक वोट भी नहीं दिया है.”
परिवार के सदस्य मानते हैं कि रिज़वी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई असमान थी, खासकर जब इसे गंभीर अपराधों के साथ तुलना किया जाए.
आर्ज़ू ने दिप्रिंट से कहा, “आपने देखा होगा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार हुआ और बस हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक मंचों पर भाषा को देखिए. हमारे बेटे ने जो किया, वह बचकाना था, हम इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन हम अपराधी नहीं हैं. हम, मुसलमान होने के नाते, इस देश के लिए बलिदान कर चुके हैं. यह देश हमारा भी है जितना किसी और का है. अब हम केवल प्रधानमंत्री से अपील कर सकते हैं कि उन्हें माफ करें.”

एक फीके रंग का तिरंगा एक मंजिला टिन की छत वाली इमारत पर लहरा रहा है. घर के धूल भरे आंगन के एक तरफ बड़े-बड़े टायर रखे हैं, जो मरम्मत के काम के लिए हैं और इसकी दीवारें बिना प्लास्टर की हैं. यह गांव, जो आसपास के अन्य इलाकों की तुलना में काफी पिछड़ा हुआ लगता है, हिंदू और मुस्लिम आबादी का मिश्रित इलाका है.
सिमरी पुलिस थाने में जहां एफआईआर दर्ज हुई थी और पड़ोसी सिंघवारा में, जहां गिरफ्तारी हुई, वहां के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि रिजवी का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
अमनुल्लाह कुरैशी, एक अन्य चचेरे भाई जो चाय की दुकान चलाते हैं, उन्होंने कहा कि रिज़वी अंतर्मुखी है और ज्यादातर काम में व्यस्त रहता है. अपने पिता की पंक्चर मरम्मत की दुकान में मदद करने के अलावा, वह अतिरिक्त आय के लिए पिकअप वैन भी चलाता है.
इसी साल हरियाणा में एक सभा को संबोधित करते हुए, मोदी ने वक्फ अधिनियम में संशोधन का मामला उठाया था. उन्होंने कहा था कि अगर दशकों से वक्फ ज़मीन का सही उपयोग किया गया होता, तो मुस्लिम युवा अपनी ज़िंदगी “पंक्चर साइकिल टायर ठीक करने में” नहीं बिताते.
ताहिर ने कहा, “उस दिन उनके पिता दरभंगा शहर जा रहे थे और उन्होंने रिज़वी को उस कार्यक्रम में देखा. कई स्थानीय युवा तेजस्वी, राहुल और प्रियंका गांधी को देखने गए थे. रिज़वी के पिता ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि दुकान पर लौट जाओ. कौन सा पिता अपने बच्चे को ऐसा करने के लिए सिखाएगा और पूरे परिवार पर मुसीबत लाएगा? उसने गलती की और अब पूरा परिवार भुगत रहा है.”
रिज़वी की गिरफ्तारी के बाद, विपक्ष का कोई भी सदस्य परिवार से मदद की पेशकश करने नहीं पहुंचा. कांग्रेस और आरजेडी ने तुरंत इस घटना की निंदा की थी और कहा था कि वे राजनीतिक मतभेदों के नाम पर ऐसे व्यवहार का समर्थन नहीं करते.
सत्तारूढ़ जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन ने 4 सितंबर को इस घटना के विरोध में सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिहार बंद बुलाया था.
धारा 152 के अलावा, एफआईआर में बीएनएस की धारा 196 (धर्म या जाति के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच असहमति, शत्रुता या नफरत बढ़ाने), 296 (सार्वजनिक रूप से अभद्र शब्द बोलना और दूसरों को परेशान करना), 353(2) (नफरत बढ़ाने के इरादे से झूठे बयान देना), 356(1) (आपराधिक मानहानि), 356(2) (साइबर मानहानि) और आईटी अधिनियम की धारा 3(5) और 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में अभद्र सामग्री का प्रसारण) के तहत भी आरोप शामिल हैं.
धारा 152 के लागू होने के बारे में पूछे जाने पर, दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जगनाथ रेड्डी ने कहा कि मामला जांच के अधीन है और अक्सर जांच के दौरान धाराओं को जोड़ा या हटाया जाता है, इसलिए उन्होंने किसी विशेष आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार किया.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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