लखनऊ, 13 मई (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के विकास की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह गलियारा उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को नया आधार देगा।
राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के विकास की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह गलियारा उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को नया आधार देगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं और ऐसे में अब आवश्यकता है कि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ने वाला एक सुदृढ़ उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य से राष्ट्रीय राजमार्गों के अंतर्गत आने वाले हिस्सों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का सहयोग लिया जाए और शेष मार्गों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो, वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं।
आदित्यनाथ ने कहा कि यह कॉरिडोर न केवल उत्तर प्रदेश को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से जोड़ेगा, बल्कि सीमावर्ती जिलों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए बाईपास, रिंग रोड और फ्लाईओवर के निर्माण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निकायों में यातायात की सुगमता सुनिश्चित करने वाले निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, जिससे लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिल सके।
उन्होंने सुझाव दिया कि ‘स्पीड ब्रेकर टेबल टॉप डिज़ाइन’ में बने सभी प्रमुख मार्गों पर संकेतक और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं तथा राज्य मार्गों को न्यूनतम 10 मीटर चौड़ा किया जाए।
ग्रामीण कनेक्टिविटी के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की निधियों का बेहतर उपयोग करते हुए गांवों को भी अच्छी सड़क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की लगातार निगरानी की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता पर जवाबदेही तय की जाए और और तकनीकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।
भाषा सलीम
जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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