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Friday, 22 November, 2024
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श्रीनगर के डाउनटाउन निवासी सीआरपीएफ जवानों को किराए पर घर देने को तैयार नहीं

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण को देखते हुए श्रीनगर के कई इलाकों में फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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श्रीनगर: श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस वहां रह रहे स्थानीय लोगों के घरों को अर्धसैनिक बल( केंद्रीय सुरक्षा बलों) के रहने के लिए किराए पर लेने की कोशिश कर रही है. जिसके कारण श्रीनगर के डाउनटाउन क्षेत्र में रहने वाले लोग खुश नहीं है.

डाउनटाउन क्षेत्र के रेनावारी इलाके में रहने वाले लोगों के अनुसार 5 अगस्त को हटाए गए अनुच्छेद 370 के बाद यहां पुलिस की आवाजाही ने माहौल को बिगाड़ दिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां की पुलिस लोगों से मिल रही है और उनसे सीआरपीएफ जवानों के लिए किराए पर घर मांग रही है. इस क्षेत्र में 5 अगस्त के बाद से सीआरपीएफ के जवान रह रहे हैं. उनके रहने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस किराए पर घर मांग रही है.

जब स्थानीय लोग अपने घरों को किराए पर देने से मना कर रहे हैं, तो पुलिस वाले उन्हें धमका रहे हैं और घर खाली करने को कह रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सप्ताह पुलिस लगभग चार बार उनके घर पर आई थी. सुरक्षा बल इस क्षेत्र में शांति, स्थापित करने की कोशिशों में लगी हुई है. लेकिन, इस घटना से वहां माहौल खराब होता जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण को देखते हुए श्रीनगर के कई इलाकों में फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कानून व्यवस्था बिगड़ न जाए इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.


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सुरक्षा बलों ने इस इलाके में कई बार छापेमारी की है और जिन लोगों पर उसे शक हुआ है उन्हें हिरासत में ले लिया है. इस तरह की छापेमारी और किराए पर मकान देने को लेकर दबाव ने यहां के माहौल को खराब कर दिया है.

नाम न बताने की शर्त पर एक महिला ने कहा, ‘पुलिस जब पहली बार यहां आई थी तो उन्होंने हमसे कहा कि सरकार चाहती है कि हमारे मकानों को सीआरपीएफ के जवानों के रहने के लिए किराए पर दिया जाए. उन्होंने हमें सलाह दी कि आप लोग घर की पहली मंजिल पर रहें और बाकी घर को सीआरपीएफ जवानों के लिए छोड़ दें. जब हमने ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने हमें गाली देना शुरू कर दिया. अगली बार जब पुलिस घर आई तो उन्होंने हमें धमकाया. स्थानीय एसएचओ राशिद खान ने हमसे कहा कि हम जल्दी से अपने घर खाली कर दें.’

एक और महिला डर के कारण नाम न बताने की शर्त पर कहती हैं कि, ‘पुलिस रात में हमारे घरों में लगातार छापेमारी करती है. ताकि हमारे बच्चों को पकड़ सकें. पिछले हफ्ते स्थिति काफी भयानक थी. हमसे हमारे घरों को छीनना यहां के पूरे माहौल को और बिगाड़ रहा है.’

एक और स्थानीय निवासी ने कहा कि चार दिन पहले यहां के रेसिडेंट वेलफेर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी मांग बस इतनी थी कि यहां लगाए गए कंसर्टिना वायर को हटाए जाए क्योंकि इससे यहां के निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. निवासी ने बताया कि इस तरह के वायर्स लगाकर हमारे आवाजाही पर नज़र रखी जा रही है. जब हमारे प्रेसिडेंट ने बैरिकेड हटाने के लिए बोला तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.


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पुलिस ने स्थानीय निवासियों द्वारा लगाए जाने वाले शोषण के आरोपों को खारिज किया है. लेकिन पुलिस ने यह माना है कि कुछ पुलिस वाले स्थानीय लोगों के पास मकान किराए पर लेने के लिए गए थे.

श्रीनगर के एसएसपी हसीब मुगल ने कहा, ‘किसी भी स्थानीय निवासी को घर किराए पर देने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है. हम विभाग द्वारा तय नियमों के अनुसार किराए पर घर लेने की प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. पुलिस के लोग इसी सिलसिले में लोगों से मिलने गए थे. लेकिन किसी ने भी उनके साथ जोर-जबरदस्ती नहीं की है. बहुत सारे लोग सुरक्षा बलों को अपने घर किराए पर देकर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यह सिर्फ वो लोग हैं जो चाहते हैं कि सुरक्षा बल उनके इलाके में न रहें इसलिए वो इस तरह की बात कर रहे हैं.’

सुरक्षा बल इस क्षेत्र में इसलिए मौजूद है कि लोगों की जिंदगी और संपत्ति की रक्षा की जा सके.

नार्थ श्रीनगर के एसपी ने पुलिस और एसएचओ पर लगे सभी आरोपों के जवाब देते हुए कहा, ‘यह सामान्य आरोप हैं जो यहां के लोग अक्सर लगाते हैं. पुलिस ने लोगों के साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की है.’


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हालांकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के बाद कश्मीर घाटी में स्थिति नाजुक बनी हुई है. शनिवार दोपहर को श्रीनगर में ग्रेनेड ब्लास्ट की खबर सामने आई है. लेकिन कोई भी इसमें हताहत नहीं हुआ है. उत्तरी कश्मीर के गांदरबल इलाके में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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