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Friday, 22 November, 2024
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कोरोनावायरस लॉकडाउन में खाद्य सामग्री देने वाले एनजीओ अब एफसीआई से अनाज खरीद पाएंगे

एफसीआई के पास देश में 2000 से अधिक गोदामों का नेटवर्क है और गोदामों का इतना बड़ा नेटवर्क संकट की इस घड़ी में इन संगठनों को खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा.

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नई दिल्ली : भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि गैर-सरकरी संगठनों (एनजीओ) और परमार्थ संस्थान अब गेहूं और चावल सीधे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से खरीद सकते हैं.

अब एनजीओ को ई-नीलामी की प्रक्रिया में जाने की जरूरत नहीं है. अबतक केवल राज्य सरकारों और ‘रोलर फ्लोर मिल’ जैसे पंजीकृत थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई से खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) दरों पर अनाज खरीदने की अनुमति थी.

मंत्रालय ने बयान में कहा कि ये संगठन खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पूर्व निर्धारित आरक्षित मूल्य पर एफसीआई से एक बार में 10 टन तक अनाज खरीद सकते हैं.

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान हजारों गरीब और जरूरतमंद लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने में गैर सरकारी संगठन और धर्मार्थ संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन संगठन को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एफसीआई को निर्देश दिया है कि वह ऐसे संगठनों को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) दरों पर गेहूं और चावल उपलब्ध कराए बिना ई-नीलामी प्रक्रिया से गुजरे. केवल राज्य सरकारों और रोलर फ्लौर मिल्स जैसे पंजीकृत थोक उपयोगकर्ताओं को ओएमएसएस दरों के तहत एफसीआई से स्टॉक खरीदने की अनुमति दी गई थी. ये संगठन पूर्व निर्धारित आरक्षित मूल्य पर एफसीआई से एक बार में 1 से 10 मीट्रिक टन खरीद सकते हैं.

देश भर में खाद्यान्न भंडार के परिवहन की त्वरित गति को बनाए रखते हुए, एफसीआई ने लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से अधिशेष राज्यों से 2.2 मिलियन टन स्थानांतरित कर दिया है.

एफसीआई ने 24 मार्च के बाद से नियमित एनएफएसए आवंटन के तहत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों को लगभग 3.2 मिलियन टन खाद्यान्न वितरित किया है. देश के प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में खाद्यान्न की स्टॉक स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है और सुनिश्चित किया गया है कि सभी स्थानों पर पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया जाए.

सात अप्रैल तक एफसीआई के पास 5.442 करोड़ टन अनाज के भंडार थे. इसमें से 3.062 करोड़ टन चावल और 2.38 करोड़ टन गेहूं था.

एफसीआई के पास देश में 2000 से अधिक गोदामों का नेटवर्क है और गोदामों का इतना बड़ा नेटवर्क संकट की इस घड़ी में इन संगठनों को खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. यह देश में गरीब और प्रवासी श्रमिकों को खिलाने के उनके परोपकारी कार्यों में राहत शिविरों में मदद करेगा.

(खबर पीआईबी इनपुट के साथ)

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