scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमदेशनाम वापसी: मधुरिमा राजे के हटने से कोल्हापुर उत्तर में कांग्रेस को उठानी पड़ी शर्मिंदगी

नाम वापसी: मधुरिमा राजे के हटने से कोल्हापुर उत्तर में कांग्रेस को उठानी पड़ी शर्मिंदगी

Text Size:

(दूसरे पैरा में नाम में सुधार के साथ)

मुंबई, चार नंवबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया समाप्त होने से ठीक पहले कोल्हापुर उत्तर सीट पर कांग्रेस को झटका देते हुए इसकी उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति ने अपना नाम वापस ले लिया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुंबई के बोरीवली से मैदान से हटने के लिए गोपाल शेट्टी को मनाने में सफल रही।

महायुति के लिए हालांकि सिरदर्द बरकरार रहा क्योंकि मुंबई के माहिम विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार सदा सरवणकर ने पार्टी नेतृत्व के दबाव के बावजूद अपना नाम वापस लेने से इनकार कर दिया।

उनका मुकाबला महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से होगा। ठाकरे को भाजपा का समर्थन हासिल है जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्तारूढ़ महायुति में एक घटक है।

कोल्हापुर में, सतेज पाटिल ने मधुरिमा राजे छत्रपति के दौड़ से बाहर होने पर निराशा व्यक्त की। उनके नाम वापस लेने से कांग्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के अपने गढ़ों में से एक में प्रतिनिधित्व के बिना रह गई।

यह झटका तब लगा जब कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पूर्व उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश लाटकर को बदल दिया और उन्हें नामांकित किया, क्योंकि पार्टी कार्यालय में पूर्व पार्षद के विरोधियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। मधुरिमा राजे छत्रपति कोल्हापुर सीट से लोकसभा सदस्य और शाही परिवार के सदस्य शाहू छत्रपति की बहू हैं।

सूत्रों ने कहा कि लाटकर को नजरअंदाज किए जाने के कारण नकारात्मक प्रचार की वजह से वह शायद इस दौड़ से अलग हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस लाटकर का समर्थन कर सकती है, जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

भाजपा को उस समय राहत मिली जब पूर्व सांसद शेट्टी ने बोरीवली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया और घोषणा की कि वह पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय का समर्थन करेंगे। शेट्टी ने 2014 और 2019 में चार लाख से अधिक के अंतर से मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन 2024 में उन्हें विधानसभा के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था।

शेट्टी ने यह दावा करते हुए बगावत कर दी थी कि भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक इस सीट पर पिछले कई वर्षों से बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ नेतृत्व की संवादहीनता पर भी चिंता जताई थी।

भाजपा पुणे जिले की चिंचवाड़ सीट से बागी नाना काटे को मनाने में भी कामयाब रही, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार शंकर जगताप का इस सीट पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राहुल कलाटे के खिलाफ सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है।

कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की।

देवलाली से शिवसेना उम्मीदवार राजश्री अहेराव और डिंडोरी (जिला नासिक) से धनराज महाले, जो अपने एबी फॉर्म (पार्टी से मिलने वाला आवश्यक चुनाव दस्तावेज) को विशेष विमान से भेजे जाने के बाद सुर्खियों में आए थे, ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया।

महायुति के सीट बंटवारे के समझौते के तहत आधिकारिक तौर पर सहयोगी अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को सीट आवंटित किए जाने के बावजूद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दोनों को मैदान में उतारा था।

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट पर 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा। मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।

भाषा प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments