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Saturday, 21 December, 2024
होमएजुकेशनबच्चों को अभी टीका लग नहीं सकता, ऐसे में स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों, अन्य कर्मचारियों का वैक्सीनेशन ही राज्यों का लक्ष्य

बच्चों को अभी टीका लग नहीं सकता, ऐसे में स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों, अन्य कर्मचारियों का वैक्सीनेशन ही राज्यों का लक्ष्य

पंजाब में लगभग 60% शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, कर्नाटक का कहना है कि स्कूलों को फिर से खोलने से पहले शिक्षकों और अभिभावकों के लिए टीकाकरण अनिवार्य होगा.

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नई दिल्ली: स्कूल फिर से खोलने के इच्छुक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सबसे ज्यादा जोर इस समय टीकाकरण पर ही है. आठ से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल फिर से खोले जा चुके हैं और कुछ अन्य राज्य अभी इसकी प्रक्रिया में हैं.
अधिकतर राज्य अलग-अलग समय के नियमित प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, छात्रों को शिफ्ट में बुला रहे हैं और सामाजिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कर रहे हैं. लेकिन इस बार एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के तौर पर शिक्षकों, स्कूल कर्मचारियों के साथ-साथ पात्र छात्रों के टीकाकरण पर भी जोर दिया जा रहा है.

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस माह के शुरू में ही संसद को बताया था कि लक्षद्वीप, पुडुचेरी, नगालैंड, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जिन्होंने 2 अगस्त से स्कूल फिर खोल दिए हैं. आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्कूल 16 अगस्त से खुले हैं.

पात्र समूह का टीकाकरण प्राथमिकता

अधिकांश राज्य, जिन्होंने स्कूल फिर से खोल दिए हैं या फिर जल्द ही खोलने की तैयारी में हैं, अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं. पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य सरकार की तरफ से इस महीने की शुरुआत में स्कूलों को फिर खोले जाने से पहले लगभग 60 प्रतिशत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी थी.

सिंगला ने कहा, ‘हमें अभिभावकों की तरफ से स्कूलों को फिर से खोलने के तमाम अनुरोध मिल रहे थे, इसलिए हमने उनसे एक वचन लेने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया. स्कूल फिर से खोलने से पहले हमारे 57 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को टीका लगाया चुका था. इसके अलावा, जो अभी भी बचे हैं, उनके टीकाकरण के लिए नियमित प्रक्रिया जारी है.’

सिंगला ने बताया कि पंजाब में 18 साल से अधिक उम्र के छात्रों के स्कूल समय के दौरान ही टीकाकरण की कोशिश की जा रही है.

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि 23 अगस्त से स्कूल फिर खुलने के पहले सभी शिक्षकों और अभिभावकों के लिए टीकाकरण अनिवार्य होगा.

इस बीच, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ अश्वत्थनारायण सी.एन. ने दिप्रिंट को बताया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों के समूह में से 74 फीसदी का कम से कम एक खुराक के साथ टीकाकरण हो चुका है.

महाराष्ट्र सरकार भी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि स्कूलों के खुलने से पहले शिक्षकों का टीकाकरण हो जाए. राज्य को पहले 17 अगस्त तक स्कूलों को फिर से खोलना था, लेकिन विशेषज्ञों की तरफ से स्वास्थ्य खतरों का आकलन किए जाने के बाद फिलहाल इस पर फिर से विचार करने का फैसला किया गया.

राज्य में बाल रोग संबंधी टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. सुहास प्रभु ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने सरकार को सलाह दी कि स्कूलों को फिर से तभी खोला जाए जब वह सभी स्कूलों तक पहुंच में सक्षम हो और यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन सभी को सैनिटाइज कर लिया गया है. इसके अलावा, यह सलाह भी दी गई है कि स्कूलों को सक्रिय केसलोड की संख्या कम होने के बाद ही खोला जाए.’

उन्होंने कहा कि यह ‘अनिवार्य’ बताया गया कि ड्यूटी संभालने से पहले सभी शिक्षकों और स्कूल स्टाफ सदस्यों का टीकाकरण हो जाए.


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आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी द्वारा स्थिति का जायजा लेने के लिए 23 जुलाई को राज्य के अधिकारियों के साथ की गई बैठक के बाद 16 अगस्त से स्कूलों को फिर खोल दिया गया.

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक एसओपी जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि स्कूलों को सैनिटाइज करने की जरूरत हैं और कोविड के मद्देनजर नियमित तौर पर साफ-सफाई की आवश्यकता होगी.

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के टीकाकरण पर जोर दे रही है ताकि फिजिकल तौर पर कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू की जा सकें.

राज्य के स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आंकड़ों के मुताबिक, विशाखापत्तनम, कृष्णा, गुंटूर और पूर्वी गोदावरी सहित 13 जिलों में करीब 92 प्रतिशत शिक्षकों को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है.

18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं

इस बीच, शिक्षा मंत्रालय भी सभी राज्यों में शिक्षकों के टीकाकरण पर कड़ी नजर रखे हुए है.

प्रधान ने पिछले महीने संवाददाताओं से कहा था कि वह विभिन्न राज्यों में शिक्षकों के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे.

हालांकि, 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है. यद्यपि कुछ वैक्सीन निर्माता आबादी के इस समूह के लिए टीकों के परीक्षण में जुटे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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