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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशअर्थजगत'कोई किल्लत नहीं'- सरकार ने कहा इस साल अप्रैल-जून में घरेलू कोयले का उत्पादन 31% बढ़ा

‘कोई किल्लत नहीं’- सरकार ने कहा इस साल अप्रैल-जून में घरेलू कोयले का उत्पादन 31% बढ़ा

भारत के 165 चालू थर्मल पावर प्लांट्स में से कम से कम 109 ने अप्रैल-मई में कोयले की कमी बताई थी, और मांग पूरी करने के लिए सरकार ने राज्यों तथा कंपनियों से कोयला आयात करने के लिए कहा था.

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नई दिल्ली: केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि भारत के घरेलू कोयला उत्पादन में 2022-23 की पहली तिमाही में, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि देश में कोयले की कोई किल्लत नहीं है.

इसी साल, ख़ासकर अप्रैल में, बिजली की ज़बर्दस्त किल्लत की ख़बरें आईं थीं. देश के 165 चालू थर्मल पावर प्लांट्स में से कम से कम 109 ने अप्रैल-मई में कोयला भंडार में कमी बताई थी. घरेलू आपूर्ति से खपत पूरी न हो पाने के कारण, एक समय केंद्र सरकार ने राज्यों तथा बिजली बनाने वाली कंपनियों से कह दिया था, कि बिजली की मांग पूरी करने के लिए वो फॉसिल ईंधन आयात करें.

लेकिन, बुधवार को जोशी ने कहा कि 2024-25 तक, भारत का सालाना घरेलू कोयला उत्पादन 100 करोड़ टन पहुंच जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल ये आंकड़ा 82 करोड़ टन है जो 2014 में 57.7 करोड़ टन था- जिस साल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की जगह, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में आई थी.

जोशी बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने प्रकाश डाला था कि किस तरह 2020-21 और 2021-22 के बीच, कोयले की मांग उसके घरेलू उत्पादन से आगे निकल गई है और देश भर के थर्मल पावर संयंत्रों में कोयले की क़िल्लत की ख़बरें आ रहीं थीं.

अपने जवाब में मंत्री ने कहा, ‘पिछले साल अप्रैल, मई और जून के महीनों में, भारत में 15.6 करोड़ टन कोयले का घरेलू उत्पादन हुआ था. इस साल इन तीन महीनों का उत्पादन बढ़कर 20.49 करोड़ टन हो गया है. ये 31 प्रतिशत की वृद्धि है…इसके अलावा, सरकार ने ऐसी छोड़ी हुई कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जहां कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने किसी न किसी कारण से खुदाई स्थगित कर दी थी. आने वाले दो से तीन वर्षों में इससे घरेलू उत्पादन में और इज़ाफा होगा.’

‘कोई किल्लत नहीं है. (बीते कुछ सालों में) उत्पादन बढ़ रहा है. 2014 में, घरेलू उत्पादन 57.7 करोड़ टन था. अब ये बढ़कर क़रीब 82 करोड़ टन हो गया है. हमने तय किया था कि 2023-24 तक घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाकर 1 अरब टन कर दिया जाएगा. लेकिन फिर कोविड-19 (महामारी) आ गई. मुझे यक़ीन है कि 2024-25 में हम 1 अरब टन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे.’

जोशी ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में, सरकार के स्वामित्व वाले निगम सीआईएल को वर्ष 2023-24 तक, 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया गया था.

भारत के थर्मल पावर प्लांट्स में कुछ समय से, कोयला भंडारों के चिंताजनक हद तक कम होने की ख़बरें आती रहीं हैं. मई में केंद्र सरकार ने देश भर में कोयले की रेक्स पहुंचाने को प्राथमिकता देते हुए, कई ट्रेनों को रद्द कर दिया था. बाद में उसी महीने, रॉयटर्स ने ख़बर दी कि दूसरी तिमाही के दौरान बिजली की ऊंची मांग की अपेक्षा के मद्देनज़र, देश को कोयले की और व्यापक किल्लत का सामना करना पड़ सकता है- जिसके परिणामस्वरूप बिजली कटौतियों का ख़तरा और बढ़ सकता है.

भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है. चीन के बाद वो कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक है और यहीं पर दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया भी है, जो देश के कुल घरेलू उत्पादन का 80 प्रतिशत कोयला पैदा करती है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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