ग्वालियर, पांच अगस्त (भाषा) केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से चीतों को स्थानांतरित करने की किसी भी योजना से इनकार किया।
यादव ने केएनपी से चीतों के स्थानांतरण के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसके (स्थानांतरण) लिए कोई योजना नहीं चल रही। स्वाभाविक रूप से मॉनसून के कारण जो कीड़े आते हैं, उसका संक्रमण हमारे ध्यान में आया है। इस संक्रमण के कारण दो चीते की मौत हो गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ भी जानकारी साझा की है और हम इस प्रबंधन पर आगे बढ़ रहे हैं।’’
यादव ने कहा कि सभी वन अधिकारी, पशु चिकित्सक एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ केएनपी में बहुत मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केएनपी में ‘चीता प्रोजेक्ट’ सफल होगा।
यादव ने कहा, ‘‘चीतों के स्थानांतरण के बाद यह पहला साल है। यहां के मौसम की स्थिति और उसके प्रभावों को लेकर लगातार काम चल रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बड़े विश्वास के साथ कह रहा हूं कि हम इस प्रोजेक्ट में गंभीरता से लगे हुए हैं। हम एक-एक चीते को लेकर पूरी तरह चिंतित हैं।’’
यादव ने कहा, ‘‘चीता ‘प्रोजेक्ट’ एक लंबा ‘प्रोजेक्ट’ हैं, जिसमें हर वर्ष चीते आने हैं। हम हर चीते के लिए चिंता कर रहे हैं। चीता ‘प्रोजेक्ट’ सफल होगा।’’
बहुप्रतीक्षित ‘प्रोजेक्ट’ चीता के तहत, कुल 20 चीतों को दो दलों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में लाया गया था। पहला दल नामीबिया से पिछले साल सितंबर में और दूसरा दल इस वर्ष फरवरी में आया।
चार शावकों के जन्म के बाद चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी लेकिन तीन शावकों सहित नौ चीतों की मौतों के बाद यह संख्या घटकर अब 15 रह गई है।
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