नई दिल्ली: भारत सरकार ने रविवार को जानकारी दी कि वो गेहूं का आयात नहीं करने जा रही है. सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया जिसमें गेहूं के आयात की बात कही जा रही थी.
भारत सरकार के खाद्य विभाग ने रविवार को स्पष्ट किया कि देश गेहूं का आयात करने नहीं जा रहा है. विभाग ने ट्विटर के जरिए बताया, ‘भारत में गेहूं के आयात की अभी कोई योजना नहीं है. देश में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टॉक्स मौजूद हैं और एफसीआई के पास लोगों को वितरित करने के लिए भी काफी स्टॉक है.’
There is no such plan to import wheat into India. Country has sufficient stocks to meet our domestic requirements and @FCI_India has enough stock for public distribution.
— Department of Food & Public Distribution (@fooddeptgoi) August 21, 2022
इस साल हीटवेव के कारण भारत के कई गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में फसल पर बुरा असर पड़ा था. भारत के कई हिस्सों में काफी दिनों तक हीटवेव का असर रहा. वहीं मानसून आने के बाद भी ड्राई डे की संख्या काफी रही और कई जगहों पर अपेक्षित बारिश नहीं हुई.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा 2021-22 के लिए फसलों के उत्पादन के चौथे अनुमान के मुताबिक गेहूं की फसल 106.84 मिलियन टन होनी है जो कि पिछले अनुमान (111 मिलियन टन) से कम है.
रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध ने भी गेहूं के संकट को बढ़ा दिया था. मध्य प्रदेश का इंदौर, जिसे महत्वपूर्ण मंडी माना जाता है, वहां गेहूं का दाम 2400 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल है जो कि यूक्रेन युद्ध से पहले 2000 से 2100 रुपए के बीच था.
हाल ही में खत्म हुए संसद सत्र में भी सरकार ने जवाब दिया था कि देश में गेहूं के स्टॉक में कमी नहीं है. लोकसभा में लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, ‘एक जुलाई 2022 तक, गेहूं का वास्तविक भंडार 285.10 लाख मीट्रिक टन है. वहीं बफर की सीमा 275.80 लाख मीट्रिक टन ही है.’
वहीं जब मंत्री से यह पूछा गया कि गेहूं की खरीद में कमी आई है, जब से निजी तौर पर किसानों से खरीद हो रही है? इस पर मंत्री ने अपनी सहमति जताई थी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा था, ‘व्यापारियों द्वारा गेहूं खरीदने के कारण गेहूं की खरीद कम हो रही है. क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कारणों से गेहूं के दाम बढ़े हैं.’
उन्होंने कहा था, ‘अगर किसानों को एमएसपी के मुकाबले अच्छा दाम मिलता है तो वे उसे खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.’
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