बेंगलुरु, 15 जून (भाषा) कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने बुधवार को स्पष्ट किया कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ यात्रा कार्यक्रम के लिए हिंदी भाषी छात्रों के चयन के संबंध में न तो राज्य और न ही केंद्र सरकार ने कोई निर्देश जारी किया है।
विश्वविद्यालय-पूर्व शिक्षा विभाग (बेंगलुरु दक्षिण) के उप निदेशक द्वारा जारी एक परिपत्र पर विवाद के बाद मंत्री का स्पष्टीकरण आया है, जिसमें कॉलेजों को यात्रा के लिये उन छात्रों के चयन का निर्देश दिया गया था, जो हिंदी बोल सकते हैं।
परिपत्र पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और इसे ”हिंदी थोपने” का प्रयास बताया गया।
नागेश ने कहा, ”न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार ने यह निर्देश दिया है कि आजादी का अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता के 75 वर्ष) के तहत अन्य राज्यों की यात्रा के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए छात्रों को हिंदी या अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है।”
उन्होंने कहा कि विभाग भ्रम पैदा करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
यात्रा कार्यक्रम के तहत एक समूह में कुल 50 छात्रों को उत्तराखंड भेजा जाएगा और इतनी ही संख्या में छात्र उत्तराखंड से कर्नाटक आएंगे।
भाषा जोहेब उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
