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सोमवार, 26 मई, 2025
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राज्य के अधिकारों से कोई समझौता नहीं : स्टालिन

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चेन्नई, 25 मई (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि नीति आयोग की बैठक में उनकी भागीदारी भारत की विकास योजनाओं पर विचार-विमर्श के लिए थी।

उन्होंने इस संबंध में विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा कि जैसे ही 24 मई को नीति आयोग की बैठक में उनके हिस्सा लेने की खबर फैली, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी घबरा गए और उन्होंने हमेशा की तरह द्वेष दिखाना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा कि ऐसे विरोधियों को गत वर्षों में आयोजित नीति आयोग की बैठक में उनके शामिल नहीं होने पर सवाल उठाकर खुशी मिलती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, उन्होंने (विपक्ष ने) आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर रहे थे ताकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ‘कार्रवाई’ से बच सकें। यह कार्रवाई कथित घोटाले के सिलसिले में राज्य संचालित शराब निगम (टीएएसएमएसी, तमिलनाडु राज्य विपणन निगम) परिसरों में केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के बाद की गई थी।

स्टालिन ने कहा कि किसी भी अन्य पार्टी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी सहित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा राज्य की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की तरह निशाना नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि फिर भी, पार्टी केवल कानूनी तौर पर अदालतों में इसके खिलाफ लड़ रही है और मुख्य विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की तरह आत्मसमर्पण नहीं किया है।

स्टालिन ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि द्रमुक को ईडी की कार्रवाई के लिए समझौता क्यों करना चाहिए, जो कि अन्नाद्रमुक के शासन के दौरान टीएएसएमएसी में कथित अनियमितताओं के लिए दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।

स्टालिन ने आरोप लगाया कि अन्नाद्रमुक महासचिव के पलानीस्वामी ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने तमिलनाडु और कर्नाटक में रिश्तेदारों और व्यापारिक सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छापेमारी के बाद अपनी पार्टी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास गिरवी रख दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि इसका उद्देश्य मुख्यमंत्रियों के साथ भारत के भविष्य के विकास पर चर्चा करना था, तथा यह भी ध्यान में रखना था कि द्रविड़ मॉडल शासन के पिछले चार वर्षों के दौरान राष्ट्रीय विकास में तमिलनाडु की हिस्सेदारी बहुत महत्वपूर्ण रही है।

उन्होंने कहा कि उस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत काफी स्वाभाविक थी और हालांकि चर्चा 2045 तक 30 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा के बारे में थी।

स्टालिन ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री को बताया कि तमिलनाडु का हिस्सा 4500 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा।’’

उन्होंने कहा कि बैठक में विश्वास व्यक्त किया गया कि वर्तमान में भारत के विकास में तमिलनाडु की हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत है और द्रविड़ मॉडल सरकार की पहल के कारण यह बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रमुक, राज्य के विकास लक्ष्यों (सत्ता में रहने के दौरान राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ-साथ) को लेकर प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भी एक सच्चा देशभक्त संगठन है, और यह पार्टी के संस्थापक सीएन अन्नादुरई के दिनों से ही पार्टी की विशेषता रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, राजनीतिक दृष्टिकोण अलग है और राष्ट्र के कल्याण को ध्यान में रखते हुए सरकार (केंद्र सरकार) को सहयोग देना अलग है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रमुक राज्य के अधिकारों पर कोई समझौता नहीं करेगी और यह राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा पर समझौता नहीं करने के उसके दृढ़ रुख के समान है।

भाषा धीरज आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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