नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के पुनर्निर्माण में कथित रूप से नियमों के गंभीर उल्लंघन के सिलसिले में सतर्कता निदेशालय द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती देने वाले लोक निर्माण विभाग के छह अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाए।
अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का हलफनामा दिये जाने के बावजूद अवमानना पूर्ण कदम उठाने पर उच्च न्यायालय ने अप्रसन्नता जताई।
न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने कहा कि उक्त तिथि पर, इस अदालत ने संतोष कुमार त्रिपाठी और राहुल मेहरा द्वारा दिए गए इस शपथपत्र के आलोक में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया था कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिर भी, प्रतिवादी शपथपत्र का उल्लंघन करते हुए, संयम बरतने में विफल रहे और उन्होंने इस अदालत द्वारा पारित आदेश की अवमानना करते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कदम उठाए।
उच्च न्यायालय लोक निर्माण विभाग अधिकारियों के एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने अनुरोध किया था कि उन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने का अंतरिम आदेश पारित किया जाए।
भाषा वैभव माधव
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