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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशसीएम योगी के दिए डेडलाइन को मिला ठेंगा, वाराणसी की सड़कों के हालत में नहीं हुआ कोई बदलाव

सीएम योगी के दिए डेडलाइन को मिला ठेंगा, वाराणसी की सड़कों के हालत में नहीं हुआ कोई बदलाव

वाराणसी जिले के सबसे व्यस्त सड़कों में से एक नदेसर से कैंटोमेंट की ओर जाने वाली सकड़ पर गड्ढे पड़े हुए है. यहां के सड़क के हालत इतने खराब हैं कि अगर गाड़ी की स्पीड कम ना हो तो दुर्घटना होना तय है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गयी डेडलाइन खत्म होने को है. लेकिन वाराणसी के सड़कों की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया. आज भी प्रदेश की सड़कों पर गड्ढे हैं या ये कहें कि आजकल सड़क ही गड्ढे में बनी हुई हैं. बात करें, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की तो, यहां की हालत कुछ ज्यादा ही खराब है. शहर में कोई भी ऐसी सड़क नहीं है जहां गड्ढे नहीं हैं. सीएम योगी ने एक बार फिर 30 नवंबर तक सभी जर्जर सड़कें गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर तक सभी सड़कें गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया था.

वाराणसी जिले के सबसे व्यस्त सड़कों में से एक नदेसर से कैंटोमेंट की ओर जाने वाली सकड़ पर गड्ढे पड़े हुए है. यहां के सड़क के हालत इतने खराब हैं कि अगर गाड़ी की स्पीड कम ना हो तो दुर्घटना होना तय है. मालूम हो कि यह शहर की सबसे वीआईपी सड़क है. इस सबके बावजूद सड़क की स्थिति बदतर है.


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गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते अक्टूबर महीने में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था कि प्रदेश के समस्त मार्ग 15 नवंबर तक गड्ढामुक्त कर दिए जाएं. इतना ही नहीं सीएम योगी ने कहा था कि राष्ट्रीय मार्गों की हालत बहुत ही खराब है.

पिछले महीने की 16 तारीख को लोकभवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान खराब सड़कों को लेकर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा था कि प्रदेश की सभी सड़कों को 15 नवंबर तक तक गड्ढामुक्त किया जाए. समय पर काम नहीं होने पर सीएम योगी ने 30 नवंबर तक सभी जर्जर सड़कें गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया है. सीएम योगी के आदेश के अनुसार, अगर तय समय सीमा के अंदर सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हुई तो अधिशाषी अभियंता निलंबित होंगे.

स्थानीय लोग हैं परेशान

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने की सड़क पर जब आप जाते हैं, तो आपको पहले तो शक होगा कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में है या नहीं. जब तक आप इस बात का जवाब समझ पाएंगे तब तक आप गड्ढे में गिर चुके हैं. यहां ऊपर पुल बनने से खतरा है तो नीचे सड़क की स्थिति भयावह है.

इस सड़क के बारे में यहां के आटो ड्राइवर रमेश कुमार बताते हैं कि, ‘जब मोदी जी आउर योगी जी को आना हो तो दुई घंटा में सड़क को चिकना कर देंगे. आइसा लगता है कि ई कहां का सड़क है लेकिन जैसे ही उ सब जाते हैं फिर सब ऊबड़-खाबड़ हो जाता है.’ एक अन्य आटो ड्राइवर भोनू बताते हैं कि, ‘हम लोग आटो चलाते हैं लेकिन सड़क खराब होने की वजह से आटो जल्दी खराब हो जा रहा है, जो इंजन पांच साल चलना चाहिए वो दो ही तीन साल में जवाब दे-दे रहा है.’

थोड़ी देर रुककर सड़क की तरफ हाथ करके दिखाते हुए भोनू कहते हैं कि, ‘इसी सड़क से मोदी जी जाते हैं, लेकिन सड़क की स्थिति देखने लायक भी नहीं है. जब उनको आना रहेगा तो सड़क चमकाकर रास्ता बंद कर दिया जाएगा और उनके जाने के बाद फिर वही हालत.’

जिला अस्पताल कबीरचौरा में इलाज कराने के लिए पड़ाव से आई अनीता बताती हैं कि बनारस के सड़क की हालत इतनी खराब है कि अगर कोई गर्भवती महिला (सीरियस) अस्पताल जा रही हो तो वो इलाज की कमी से तो बाद में मरेगी लेकिन सड़क के झटके से पहले मौत हो जाएगी.

काशी विद्यापीठ से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले छात्र अंशु कुमार बताते हैं कि, ‘बनारस का जितना नाम सुना था यहां की व्यवस्था उतनी ही खराब है, ना तो यहां पर सड़क पर चलने के लिए कोई नियम है ना तो यहां की सड़के ही सही है. हर जगह सड़क किनारे खुदाई हुई पड़ी है, आने-जाने में कितनी दिक्कत हो रही है लेकिन प्रशासन को कुछ समझ आए तब ना.

मालूम हो कि सिगरा, मण्डुआडीह, कैंट ये सभी जिले के वो क्षेत्र है जहां खुदाई का भी काम चल रहा है. मण्डुआडीह में महीने भर पहले खुदाई हो गई है, लेकिन अभी तक वहां की सड़के नहीं बनाई गई हैं. कुछ ऐसे भी जगह हैं जहां पर मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सड़कें बनाई गई, लेकिन महीने भर के अंदर वो फिर से खराब होने लगी है.


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मुख्यमंत्री के आदेश पर समय सीमा तक गड्ढे मुक्त सड़क की बात पूछने पर नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा है कि, ‘हमारी तरफ से कोशिश की जा रही है. लेकिन ये लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. ये काम होते रहते हैं. ऐसा नहीं है कि एक बार सड़क बना दी गई तो दोबारा नहीं बनाई जाएगी. फिर बनाई जाएगी.’

इससे पहले भी नहीं हुआ था पूरा काम

आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि वह 15 जून 2017 तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करा देंगे. सड़क की स्थिति में तो कोई सुधार नहीं हुआ, लेकिन हां, राज्य के नाम एक और कलंक लग गया वो था, देश में सड़क पर गड्ढों की वजह से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोगों की जान गवानी पड़ी है.

अखिलेश यादव ने साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में सड़कों की हालत को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में सड़कें बर्बाद हो गईं हैं. अखिलेश ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि सड़कों की दुर्दशा के कारण रोजाना प्रदेश की राजधानी सहित तमाम जनपदों में हजारों मौतें हो रही हैं. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सरकार के कार्यकाल में यह कहना मुश्किल है कि प्रदेश में सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़कें हैं.’

(रिज़वाना तबस्सुम स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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