नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार भी रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा और रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% पर बरकरार रहेगा.
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 17.2 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक वृद्धि दर को पटरी पर लाने और उसे सतत आधार पर बनाये रखने के लिये उदार रुख बरकरार रखेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गयी है और हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बेहतर रूप से तैयार हैं.
दास ने कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर रखा है. हालांकि बीते कई तिमाही के बाद जीडीपी में सुधार देखा गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में कोविड से पहले से ही मंदी देखी जा रही थी.
उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.’ दास ने बताया कि इसमें सीपीआई के तीसरी तिमाही में 5.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी शामिल है.
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा.
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत नवंबर में नरम हुई है और इससे घरेलू बाजार में लागत के स्तर पर दबाव कम होगा. दास ने कहा कि पेट्रोल, डीजल के मूल्यों पर कर की दरें कम होने से खपत मांग को मदद मिलनी चाहिए.
दास ने कहा, ‘हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और राज्य द्वारा लगाए गए वैट में कमी के कारण खपत में इजाफा होगा.’ उन्होंने कहा कि अगस्त के मुकाबले सरकार की खपत में भी बढ़ोतरी हुई है.
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नकदी का प्रबंधन करता रहेगा आरबीआई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने के लिये नकदी का प्रबंधन करता रहेगा. उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरता आरबीआई का प्रमुख सिद्धांत है क्योंकि यह विकास, स्थिरता को बढ़ावा देता है.
उन्होंने कहा, ‘आरबीआई बैंकों को बिना उसकी पूर्व मंजूरी के विदेशी शाखाओं में पूंजी डलने और लाभ भेजने की अनुमति देगा.’
दास ने कहा कि फीचर फोन यूजर्स के लिए यूपीआई आधारित भुगतान लांच करने पर भी आरबीआई विचार कर रहा है.
आरबीआई द्वारा जारी बयान में कोविड के ओमीक्रॉन वैरिएंट के मद्देनज़र सतर्क रहने की बात कही गई है. बयान में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन कोविड संक्रमण इसे प्रभावित कर सकता है.
बयान में कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर से जो आर्थिक सुधार बाधित हुई थी, वो अब फिर से जोर पकड़ रही है. लेकिन यह अभी आत्मनिर्भर और टिकाऊ नहीं हो सकी है. इसलिए निरंतर नीतिगत समर्थन की जरूरत है.
बता दें कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गयी है.
बीते हफ्ते जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी किए गए थे. जुलाई-सितंबर की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई है.
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