नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके प्रतीक चिह्न (इन्सिग्निया) में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और इस संबंध में गलत जानकारी फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मी अपनी वर्दी पर नाम पट्टी के ऊपर एक बैज पहन रहे हैं जो 1954 में बल को प्रदान किये गए प्रतिष्ठित ‘प्रेसीडेंट्स कलर अवार्ड’ के प्रतीक के तौर पर है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मी, दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस पर भी इस बैज को पहनेंगे। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि उसके प्रतीक चिह्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ता दिल्ली पुलिस की विश्वसनीयता गिराने का प्रयास कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस के नए ‘कलर्स’ के बारे में गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं। हम इसका खंडन करते हैं और ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देते हैं।’’
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस का अशोक स्तंभ को हटाकर इंडिया गेट को अपना प्रतीक चिह्न बनाने का कदम महान मौर्य शासक का अपमान करने की ‘‘एक और साजिश’’ है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया था, ‘यह इतिहास से महान अशोक को मिटाने की एक और साजिश है।’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोगों को इस तरह के बेबुनियाद और निराधार आरोप नहीं लगाने चाहिए। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, 1954 में राष्ट्रपति ने दिल्ली पुलिस को ‘कलर्स’ (ध्वज) प्रदान कर सम्मानित किया था।
आदेश में कहा गया, ‘‘यह आवश्यक है कि अपने संगठन को मिले इस सम्मान को हम याद रखें। दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस की याद में दिल्ली पुलिस के सभी रैंक के अधिकारियों को 16 फरवरी से अपनी वर्दी पर ‘कलर्स’ से निकला हुआ प्रतीक चिह्न पहनना चाहिए। इसे वर्दी के दाहिनी ओर नाम पट्टी के ऊपर भी पहनना चाहिए।’’
भाषा अमित अविनाश
अविनाश
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