पटना (बिहार): जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गुरुवार को लगातार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे. खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने 2020 में शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लिया था, इस बार समारोह में पहुंचे थे.
गांधी मैदान पहले भी 2005, 2010 और 2015 में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण का साक्षी रह चुका है. यही वह स्थान है, जहां 1974 में जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान किया था, जिसका ऐतिहासिक महत्व आज भी कायम है.
एनडीए-शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री, जैसे हरियाणा के नायब सिंह सैनी, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, नगालैंड के नेफ्यू रियो, आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे. बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और एलजेपी (आरवी) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी कार्यक्रम में शिरकत की.
शपथ ग्रहण से एक दिन पहले, बुधवार को नीतीश कुमार को JD(U) विधायक दल का नेता चुना गया. इसके बाद उन्हें एनडीए विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुना गया. वहीं BJP की ओर से सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहे और दोनों नामों का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने समर्थन दिया.
2025 के विधानसभा चुनावों को नीतीश कुमार के लिए एक अग्निपरीक्षा माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि पिछले 20 वर्षों से राज्य की राजनीति का केंद्र वही रहे हैं. 74-वर्षीय नीतीश नवंबर 2005 से मुख्यमंत्री हैं, सिर्फ 2014-15 में नौ महीनों का छोटा सा अंतराल रहा.
2025 के चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. महागठबंधन मात्र 35 सीटों पर सिमट गया. बिहार में यह दूसरा मौका है जब एनडीए ने 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की. इससे पहले 2010 में गठबंधन ने 206 सीटें जीती थीं.
इस बार BJP ने 89, JD(U) ने 85, LJP (राम विलास) ने 19, हम (सेक्यूलर) ने 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 4 सीटें जीतीं. विपक्ष में RJD 25 सीटों पर, कांग्रेस 6 पर, CPI(ML)(L) दो पर, इंडियन इनक्लूसिव पार्टी एक पर, CPI(M) एक पर, AIMIM पांच पर और BSP एक सीट पर सीमित रही.
चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को हुए थे. बिहार ने 67.13% की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की, जो 1951 के बाद सबसे अधिक है. खास बात यह रही कि महिलाओं ने 71.6% मतदान कर पुरुषों (62.8%) को पीछे छोड़ दिया.
