मुंबई, दो फरवरी (भाषा) भाजपा विधायक नितेश राणे ने कथित हत्या के प्रयास मामले में बुधवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। राणे के अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने उन्हें चार फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश ने इसके पहले दिन में बंबई उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी।
राणे के अधिवक्ता सतीश मानशिंदे ने उच्च न्यायालय में कहा कि वह आत्मसमर्पण करके जांच में सहयोग करना चाहते हैं। सिंधुदुर्ग के जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरबी रोटे ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि ’याचिका समय पूर्व और सुनने योग्य नहीं’ है।
अदालत ने कहा था कि नितेश राणे से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि हत्या के प्रयास के मामले की जांच अधूरी है। यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है। भाजपा विधायक ने दावा किया कि उन्हें सत्तारूढ़ शिवसेना (जो महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन सरकार का नेतृत्व करती है) द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि पिछले महीने राज्य विधानमंडल परिसर के बाहर मजाक करने की घटना उसे तुच्छ लगी।
शिवसेना के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि 23 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नितेश राणे ने शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे का मजाक उड़ाने के लिए ‘म्याऊ म्याऊ’ किया था। इसके पहले गिरफ्तारी से पूर्व जमानत पाने की राणे की याचिक निचली अदालत और उच्च न्यायालय, दोनों जगह खारिज हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी। इस पर शीर्ष अदालत ने 27 जनवरी को महाराष्ट्र पुलिस से कहा था कि वह उन्हें 10 दिनों तक गिरफ्तार नहीं करे, लेकिन राणे को भी अदालत के समक्ष हाजिर होने और नियमति जमानत लेने का निर्देश दिया था।
भाषा संतोष माधव
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