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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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एनआईटी राउरकेला ने स्तन कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए बायोसेंसर विकसित किया

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राउरकेला के शोधकर्ताओं ने एक नवीन अर्धचालक उपकरण-आधारित बायोसेंसर विकसित किया है, जो जटिल या महंगी प्रयोगशाला प्रक्रियाओं के बिना स्तन कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस बायोसेंसर को काम करने के लिए किसी अतिरिक्त रसायन की आवश्यकता नहीं होती है। यह कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को स्वस्थ स्तन कोशिकाओं से अलग करने में अत्यधिक प्रभावी है, जो स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए बायोसेंसिंग उपकरणों के मौजूदा तरीकों की तुलना में बेहतर सटीकता प्रदान करता है।

यह शोध प्रतिष्ठित माइक्रोसिस्टम टेक्नोलॉजीज पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रसन्न कुमार साहू के अनुसार, संभावित घातक बीमारियों के बढ़ने से हाल के वर्षों में बायोमॉलीक्यूल मूल्यांकन और पॉइंट-ऑफ-केयर (पीओसी) परीक्षण की जरूरत बनी है।

उन्होंने कहा कि इन बीमारियों में शामिल कैंसर एक महत्वपूर्ण वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है। इस संदर्भ में, भारत में पिछले कुछ दशकों में स्तन कैंसर के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

साहू ने कहा, ‘‘चूंकि कैंसर कोशिकाएं अक्सर कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं दिखाती हैं, इसलिए रोकथाम और इलाज के लिए प्रारंभिक अवस्था में उनका पता लगाना जरूरी है। हालांकि, रोग की पहचान करने के लिए एक्स-रे, मैमोग्राफी, एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख परीक्षण (एलिसा), अल्ट्रासोनोग्राफी और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) जैसी कई ​​प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है, लेकिन इनके लिए विशेष उपकरण और प्रशिक्षित कर्मियों की आवश्यकता होती है।’’

साहू ने कहा, ‘‘इसके अलावा, ये पद्धतियां अक्सर दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों के पहुंच के दायरे से दूर रही है।’’

साहू ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने चिकित्सा संसाधनों के स्थानांतरण के कारण इन चुनौतियों को और उजागर किया है।

एनआईटी टीम ने एक नया तरीका तैयार किया है जो कैंसर कोशिकाओं के भौतिक गुणों का उपयोग करके उनका पता लगाता है।

साहू ने कहा, ‘‘चूंकि टी47डी जैसी कैंसर कोशिकाओं का परावैद्युत स्थिरांक एमसीएफ-10ए जैसी स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक होता है, इसलिए सेंसर इन अंतरों का पता शीघ्रता से और उच्च शुद्धता के साथ लगा लेता है।’’

भाषा सुभाष प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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