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Friday, 8 November, 2024
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निर्मला सीतारमण ने ओबामा पर साधा निशाना, बोलीं- उनके शासनकाल में US ने 6 मुस्लिम देशों पर की थी बमबारी

सीतारमण ने कहा, "यह आश्चर्यजनक था कि जब PM मोदी का अमेरिका का दौरा कर रहे थे और लोगों को भारत के बारे में बता रहे थे, तो एक अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ओबामा भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे."

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भारतीय मुसलमानों पर उनकी टिप्पणियों के लिए जमकर निशाना साधा और बताया कि उनके शासनकाल में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने छह मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी की थी.

उन्होंने कहा कि ओबामा का बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी ‘बमबारी’ का सामना करना पड़ा था.

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह आश्चर्यजनक था कि जब पीएम मोदी का अमेरिका का दौरा कर रहे थे और लोगों को भारत के बारे में बता रहे थे, तो एक अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे.”

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या उनके कार्यकाल(राष्ट्रपति रहते) में छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई?’’

उन्होंने आगे कहा,” शायद ओबामा के कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी की गई… 26,000 से अधिक बम गिराए गए.’ यह टिप्पणी तब आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान कहा कि यदि जातीय अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं की गई, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि देश “किसी बिंदु पर अलग होना शुरू हो जाएगा”.

ओबामा ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “अगर मैं प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करता, जिन्हें मैं अच्छी तरह जानता हूं, तो मैं उनसे कहता कि अगर वह भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे, तो ऐसी आशंका है कि किसी पॉइंट पर आकर भारत टूट सकता है.”

इस बीच सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने भारत में मुसलमानों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर उठ रहे सवालों पर पीएम मोदी का बचाव किया और बताया कि प्रधानमंत्री को विभिन्न देशों से मिले 13 सम्मानों में से छह पुरस्कार ऐसे देशों से थे जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं.

सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “माननीय प्रधानमंत्री ने खुद अमेरिका में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि उनकी सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ सिद्धांत पर काम करती है और किसी भी समुदाय के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है, लेकिन तथ्य यह है कि बार-बार जब लोग इस बहस में शामिल होते हैं और मुद्दों को उजागर करते हैं जो एक तरह से गैर-मुद्दा है क्योंकि अगर राज्यों में कई मुद्दे हैं जिन्हें उठाया जाना है तो उन्हें राज्य स्तर पर उठाया जा रहा है.”

उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन वहां से यूएससीआईआरएफ की भारत में धार्मिक सहिष्णुता को लेकर टिप्पणी आई और पूर्व राष्ट्रपति कुछ और कह रहे हैं.’’

मंत्री ने कहा कि यह देखना अहम है कि इसके पीछे कौन लोग हैं.

विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चुनाव जीतने की संभावना नहीं दिख रही है इसलिए उन्होंने इस तरह का अभियान शुरू किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की ओर से अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार को लेकर ‘आधारहीन’ आरोप लगाने के लिए ‘संगठित अभियान’ चलाया जा रहा है क्योंकि वे मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी मैदान में नहीं हरा सकते.

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि इस तरह के अभियान पर्यावरण में चलाए जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस को पता है कि वे 2024 के आम चुनाव जीतने में असमर्थ हैं.


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