नई दिल्ली: दशक का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया गया जिसमें उन्होंने किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने के लिए 16 सूत्री कार्यक्रम की पेशकश की है. किसानों व खेती से जुड़ी योजनाओं के लिए केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1.6 लाख करोड़ का बजट दिया है.
संसद में अपने संबोधन में निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कई बड़ी योजनाओं को लागू किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बताया कि देश के 6.11 करोड़ किसानों को लाभ मिला. उन्होंने आगे कहा, ‘एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार द्वारा भेजा गया पैसा गरीब तक नहीं पहुंचता है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने इस दुविधा को दूर करके दिखाया है.’
किसान की आय दुगुनी करने पर फोकस
साल 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुनी करने की बात सीतारमण ने कहा, ‘किसानों के लिए मार्केट खोलने की जरूरत है ताकि उनकी आय बढ़ाई जा सके. सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है. इसलिए सरकार का खेती में निवेश पर फोकस है.’
उन्होंने खेती व किसानों के लिए एक 16 एक्शन फॉर्मूले की घोषणा भी की. इस फॉर्मूले के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने बताया, ‘किसानों को होने वाली पानी की दिक्कत दूर करने के लिए किल्लत वाले 100 जिलों में पानी की व्यवस्था पर एक बड़ी योजना चलाई जाएगी. इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा मॉर्डन एग्रीकल्चर लैंड एक्ट को लागू करवाया जाएगा. पीएम कुसूम स्कीम के जरिए किसानों के पंप को सोलर पंप से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत 20 लाख किसानों तक पहुंचा जाएगा. बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे.’
इसके अलावा जैविक खेती के लिए ऑनलाइन मार्केट को बढ़ाए जाने व किसान क्रेडिट कार्ड योजना को 2021 के लिए बढ़ाने की बात भी उन्होंने कही. साथ ही किसानों को दी जाने वाली मदद को दीन दयाल योजना के तहत बढ़ाया जाएगा.
खेती में फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को बैलेंस्ड रखने के लिए किसानों की जानकारी को बढ़ाने पर भी उन्होंने जोर दिया. देश में अनाज गोदामों व कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाने की बात भी कही गई. मौजूद गोदामों व कोल्ड स्टोरेज को नाबार्ड के अंतर्गत लाया जाएगा और इन्हें नए तरीकों से विकसित किया जाएगा. जैविक खाद के उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा. कृषि के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसान रेल भी चलाई जाएगी. सीतारमण ने बताया कि ये बजट किसानों व गांव को केंद्र में रखता है.
सीतारमण ने ये साफ किया कि इसके लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा. महिला किसानों पर भी सीतारमण ने नई योजना का ऐलान किया. धन लक्ष्मी योजना नाम की इस योजना के तहत बीज से जुड़ी योजनाओं में महिला किसानों को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा. कृषि उड़ान योजना नाम की एक नई योजना शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि कृषि मंत्रालय को दिए गए पिछले बजट को कई कृषि एक्पर्ट्स ने ऐतिहासिक बताया था. कृषि मंत्रालय को पिछले बजट में 1,30,485 करोड़ रुपए का बजट दिया गया था. ये कृषि मंत्रालय को दिया गया अब तक का सबसे ज्यादा आवंटन था. इस बार के बजट के लिए अटकलें लगाई गई थीं कि केंद्र इस बार मोदी सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना यानी कि पीएम किसान का बजट कुछ फीसदी कम करेगी. ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान इस योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपए का बजट दिया गया था.
इससे पहले साल 2018-19 के दौरान कृषि मंत्रालय को केंद्र ने 79,026 करोड़ रुपए का संशोधित बजट दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019-2020 का अनुमानित बजट 57,600 करोड़ रुपए का था लेकिन उसे 140 प्रतिशत बढ़ाकर 1,30,485 करोड़ रुपए कर दिया गया था. बजट में इतने बड़े स्तर की बढ़ोतरी के पीछे पीएम किसान योजना को कारण बताया गया.
गौरतलब है कि इस योजना की शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले की गई थी. इस योजना का उद्देश्य देश के 12.6 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को 6,000 रुपए साल में तीन बराबर किश्तों में देना है.