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Thursday, 2 May, 2024
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ट्रेन डिब्बे में आग लगने से नौ तीर्थयात्रियों की मौत, दुर्घटना का कारण सिलेंडर को बताया गया

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(तस्वीरों के साथ)

मदुरै (तमिलनाडु), 26 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़े रेलयात्री कोच में शनिवार तड़के आग लग गई जिसमें रामेश्वरम जाने वाले कम से कम नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। दक्षिण रेलवे ने यह जानकारी दी।

दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यात्री कोच में ‘अवैध रूप’ से लाए गए गैस सिलेंडर की वजह से आग लगी।

जिस डिब्बे में आग लगी, वह एक ‘निजी पार्टी कोच’ (किसी व्यक्ति द्वारा बुक किया गया पूरा डिब्बा) था। इसमें सवार यात्री पिछले सप्ताह लखनऊ से तीर्थयात्रा पर निकले थे और अधिकतर यात्री उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों के निवासी थे।

घटना पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि उन्हें तमिलनाडु में मदुरै जंक्शन के पास एक खड़ी ट्रेन में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत की खबर से गहरा दुख हुआ है।

नौ मृतकों में से छह की पहचान हो गई है जिनमें तीन-तीन शव पुरुष और महिलाओं के हैं।

हादसे के पीड़ितों में से एक ने बताया कि डिब्बे का दरवाजा बंद था और उसे तोड़ने के बाद लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और एक बड़ा हादसा टला।

घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची मदुरै की जिलाधिकारी एमएस संगीता ने कहा कि रेलकोच में लगी आग में नौ लोगों की मौत हुई है जबकि 20 अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर दुख प्रकट किया और मौतों पर शोक जताया। तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश सरकार और रेलवे ने पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

हालांकि दक्षिणी रेलवे ने शुरुआत में मौतों की संख्या 10 बताई थी और बाद में इस आंकड़ों को संशोधित कर नौ किया।

दक्षिण रेलवे की विज्ञप्ति में बताया गया है कि आग लगने की घटना शनिवार तड़के पांच बजकर 15 मिनट पर हुई और मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने सुबह सात बजकर 15 मिनट पर आग पर काबू पा लिया।

विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘यह एक प्राइवेट पार्टी कोच था, जिसे कल (25 अगस्त को) नागरकोविल जंक्शन पर ट्रेन संख्या 16730 (पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस) में जोड़ा गया था। डिब्बे को अलग कर मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया गया था। इस डिब्बे में यात्री अवैध रूप से गैस सिलेंडर लेकर आए थे और यह आग लगने का कारण बना।’’

इसमें बताया कि डिब्बे में सवार तीर्थयात्रियों ने 17 अगस्त को लखनऊ से यात्रा शुरू की थी। उनका कल (27 अगस्त को) चेन्नई जाने का कार्यक्रम था… चेन्नई से वे लखनऊ लौटने वाले थे।’’

विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘जब डिब्बा खड़ा था, तब कुछ यात्री चाय/नाश्ता बनाने के लिए अवैध रूप से लाए गए रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके कारण डिब्बे में लग गई। इसकी भनक लगने पर अधिकांश यात्री बाहर निकल गए। कुछ यात्री डिब्बे को अलग किए जाने से पहले ही प्लेटफार्म पर उतर गए थे।’’

इसमें कहा गया कि यात्रियों द्वारा अवैध रूप से गैस सिलेंडर, स्टोव और अन्य ज्वलनशील सामान लाया गया था, जिसके कारण आग लगने की घटना हुई।

घटनास्थल पर एक एलपीजी सिलेंडर, आलू की बोरी, बर्तन और लकड़ियां मिली हैं जिससे डिब्बे में खाना पकाए जाने के पर्याप्त संकेत मिले हैं।

यहां एक सरकारी अस्पताल में इलाज करा रही घायल अलका प्रजापति ने बताया कि घटना के समय डिब्बे में यात्री सो रहे थे ‘आग, आग’ का शोर सुनकर उनकी आंख खुली।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम सो रहे थे तभी चीखने की आवाजें सुनाई दी। इसके बाद भागने की कोशिश की, लेकिन डिब्बे का दरवाजा बंद था इसलिए बाहर निकलने में परेशानी हुई। किसी ने दरवाजा तोड़ा जिसके बाद हम बाहर आ पाए। अंदर घना धुआं भर गया था और मैं ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी और बस भगवान को याद किया।’’

उन्होंने बताया कि आग बुझाने की तमाम कोशिशों के 15-20 मिनट बाद रेलवे कर्मचारी वहां पहुंचे, लेकिन तब तक यह (डिब्बा) लपटों से घिर चुका था।

इस घटना के पीड़ितों ने मीडिया को बताया कि वे रामेश्वरम जा रहे थे।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी ऑटो चालक मनान प्रकाश ने बताया कि लोगों की आवाज सुनते ही स्थानीय लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन कोई भी आग के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ यात्री अंदर फंस हुए थे। स्लीपर डिब्बा होने के कारण वे (जल्दी से) आसानी से उतर नहीं पाए।’’

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक बयान में कहा कि पीड़ित तीर्थयात्रा के लिए रामेश्वरम की ओर जा रहे थे और उन्होंने इस घटना पर दुख व्यक्त किया।

एक बयान में बताया कि उन्होंने मदुरै जिला अधिकारी एमएस संगीता को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शवों को उनके पैतृक स्थान पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

स्टालिन ने पीड़ितों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और यहां राहत प्रयासों के समन्वय के लिए अपने कैबिनेट सहयोगी पी मूर्ति को नियुक्त किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ितों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘‘तमिलनाडु के मदुरै में हुए दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन हादसे में लोगों की मौत बेहद दुखद और हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।’’

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से बात की और घटना की जानकारी ली।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि अधिकारियों को घायलों को उचित इलाज मिले यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

कोई भी व्यक्ति आईआरसीटीसी के पोर्टल का उपयोग करके प्राइवेट पार्टी कोच बुक कर सकता है, लेकिन उसे डिब्बे में गैस सिलेंडर या कोई ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं होती है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोच का इस्तेमाल केवल यात्रा उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। इसमें बताया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘‘तमिलनाडु के मदुरै जंक्शन के पास एक खड़ी ट्रेन में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’’

दक्षिणी रेलवे ने कहा है कि आग लगने के संबंध में 27 अगस्त को वैधानिक जांच की जाएगी।

बेंगलुरु में दक्षिणी सर्कल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त रविवार को मदुरै स्थित डीआरएम के कॉन्फ्रेंस हॉल में पूछताछ करेंगे।

भाषा संतोष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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