नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) क्यूएस विषयवार रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 50 में नौ भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान शामिल हैं जबकि सूची में शामिल कुछ शीर्ष संस्थानों जैसे तीन आईआईटी, दो आईआईएम और जेएनयू के स्थान में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आई है।
बुधवार को घोषित ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ के 15वें संस्करण के अनुसार, भारत ने विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में शीर्ष 50 में 12 स्थान हासिल किए हैं।
इस मामले में भारतीय खनन विद्यालय (आईएसएम), धनबाद अग्रणी रहा है जो इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई और खड़गपुर को इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए 28वें एवं 45वें स्थान पर रखा गया है। हालांकि, दोनों संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई है।
आईआईटी दिल्ली और मुंबई, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय के लिए 45वें स्थान पर थे, ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए क्रमशः 26वां और 28वां स्थान प्राप्त किया है।
दोनों संस्थानों ने इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और शीर्ष 50 की सूची में प्रवेश किया है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद और बेंगलुरु व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 में बने हुए हैं, लेकिन उनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट आई है। आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 पर आ गई जबकि आईआईएम बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 पर आ गई।
आईआईटी मद्रास (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (विकास अध्ययन) विश्व के शीर्ष 50 में बने रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग में कुछ स्थानों की गिरावट भी आई।
क्यूएस विषय-विशिष्ट रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में, भारत में नयी प्रविष्टियों की संख्या चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और कोरिया के बाद पांचवें स्थान पर है तथा कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है।
भाषा देवेंद्र नेत्रपाल
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