नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने “अत्यधिक कट्टरपंथी जिहादी आतंकवादी समूह” का भंडाफोड़ करके दक्षिण भारत में 19 स्थानों पर तलाशी ली, सूत्रों ने यह जानकारी दी.
आज सुबह से ही छापेमारी चल रही है. आतंकवाद रोधी एजेंसी राज्य पुलिस बलों के साथ निकट समन्वय में ये छापेमारी कर रही है.
आज सुबह-सुबह आईएसआईएस पर कार्रवाई करते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार राज्यों में 19 स्थानों पर छापे मारे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन के बल्लारी मॉड्यूल के आठ गुर्गों को गिरफ्तार किया, जिसमें उसका नेता मिनाज़ भी शामिल था, इस प्रकार आरोपियों द्वारा आतंक को अंजाम देने की योजना को विफल कर दिया गया.
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कुछ परिचालन कारणों से सटीक स्थान और जिहादी समूह के बारे में जानकारी साझा नहीं की.
एनआईए द्वारा जिन 19 स्थानों की तलाशी ली जा रही है, उनमें से अधिकांश जिहादी समूह से जुड़े संदिग्धों से जुड़े हैं.
सूत्रों ने कहा कि इनपुट के अनुसार, आतंकवादी समूह भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े हुए है और उसने हमलों की योजना बनाना, युवाओं की भर्ती करना सीख लिया है.
यह कदम लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी द्वारा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने से संबंधित मामले में एनआईए द्वारा बेंगलुरु, कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी के कुछ दिनों बाद आया है.
मामले में एनआईए की जारी जांच (आरसी-28/2023/एनआईए/डीएलआई) के हिस्से के रूप में 13 दिसंबर को चार आरोपियों के घरों सहित कुल छह स्थानों की बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई, जिनमें से एक अभी भी फरार है. जिन अन्य स्थानों की तलाशी ली गई, वे दो अन्य संदिग्धों से जुड़े परिसर थे.
छापेमारी में एनआईए की टीमों ने मोहम्मद उमर, मोहम्मद फैसल रब्बानी, तनवीर अहमद और मोहम्मद फारूक के परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और 7.3 लाख रुपये की नकदी जब्त की. फरार जुनैद अहमद. आईपीसी, यूए (पी) अधिनियम, 1967 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1884 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में तीन आरोपी फिलहाल फरार हैं.
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