नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक आतंकी हमले के मामले में जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर तलाशी ली.
छापे मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की मदद से दक्षिण कश्मीर में संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की गई. सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी इसी साल 11 मार्च को पुलवामा के दरासगढ़ में सुरक्षाबलों पर हुए हमले से जुड़े एक मामले के सिलसिले में की गई थी.
एनआईए के अधिकारियों ने मामले में पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को उनके आवास से उठाया है.
एनआईए द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में चार स्थानों पर छापे मारने के कुछ दिनों बाद यहां पर तलाशी ली, इससे पहले बारामूला में तीन स्थानों और हंदवाड़ा जिले में एक एलओसी व्यापार पार और आतंक वित्तपोषण मामले में शामिल है.
यह मामला जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बीच नियंत्रण रेखा के पार व्यापार तंत्र के माध्यम से अतिरिक्त लाभ अर्जित करने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह से उत्पन्न धन का उपयोग करने से संबंधित है.
व्यापार वर्ष 2008 में सलामाबाद, बारामूला जिले के उरी और पुंछ जिले के चाकन-दा-बाग में स्थित दो व्यापार सुविधा केंद्रों (टीएफसी) के माध्यम से शुरू किया गया था.
18 अप्रैल, 2019 को, भारत ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ दो बिंदुओं पर क्रॉस-एलओसी व्यापार को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया, रिपोर्ट के बाद कि सीमा पार से तत्वों द्वारा हथियारों, नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए नकली मुद्रा का ‘दुरुपयोग’ किया जा रहा था.
एनआईए ने 16 दिसंबर 2016 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था.
जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में चाकन-दा-बाग और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सलामाबाद में एलओसी व्यापार का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में रहने वाली आबादी के लिए और नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) एक विश्वास-निर्माण उपाय (सीबीएम) के रूप में था.
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