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शनिवार, 17 मई, 2025
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एनएचआरसी टीम ने मालदा में राहत शिविर का दौरा किया, राज्यपाल हिंसा प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना

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मालदा/कोलकाता, 18 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के एक दल ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंचकर उन लोगों से मुलाकात की जिन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से भागकर एक अस्थायी शिविर में शरण ली है, वहीं राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस भी जिले के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के समर्थन से अशांति को और भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

एनएचआरसी ने हाल में मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया था। एनएचआरसी सदस्यों ने मालदा के पार लालपुर हाई स्कूल में शिविर में रह रहे प्रभावित परिवारों के सदस्यों से बात की।

हिंसा का स्वत: संज्ञान लेने वाले आयोग ने कहा कि उसने ‘‘स्थिति की गंभीरता’’ को देखते हुए एक तथ्यान्वेषी दल भेजने का फैसला किया है और तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।

अधिकारियों ने पुष्टि की कि मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में फैली हिंसा में तीन लोग मारे गए हैं। कई स्थानीय निवासी अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर भाग गए और पड़ोसी जिले मालदा में शिविरों में रह रहे हैं।

वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शुक्रवार सुबह हिंसा प्रभावित मालदा के लिए रवाना हो गए, जहां वह घर छोड़कर भागे दंगा पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।

मालदा के लिए रवाना होते समय बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जा रहा हूं।’’

मालदा के लिए ट्रेन से गए बोस ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं पीड़ितों से मिलने और प्रभावित क्षेत्र से प्राप्त सूचनाओं की पुष्टि करने के लिए वहां जा रहा हूं। मैं अस्पतालों, पीड़ितों के आवासों और राहत शिविरों में जाऊंगा। केंद्रीय बल और राज्य पुलिस भी साथ में हैं और स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। मैं पीड़ितों से मिलने वहां जा रहा हूं, जिसके बाद मैं अपनी सिफारिशें भेजूंगा।’’

बोस ने यह भी कहा कि वह मालदा के बाद मुर्शिदाबाद का दौरा करेंगे।

इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी महिलाओं पर हिंसा के प्रभाव का आकलन करने और पुनर्वास प्रयासों का निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को मालदा और मुर्शिदाबाद का दो दिवसीय दौरा शुरू किया।

रहाटकर ने कोलकाता में कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों में महिलाओं के साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक जांच समिति गठित की है। हम पीड़ितों से बात करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले स्थिति का आकलन करेंगे।’’

एनसीडब्ल्यू की टीम रात को मालदा में रुकेगी और शनिवार को मुर्शिदाबाद जाएगी। समिति जिला अधिकारियों, पीड़ितों से मुलाकात कर सकती है और आखिर में रविवार को कोलकाता में राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात करेगी।

राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल ने राज्यपाल और दौरे पर आई केंद्रीय टीम की आलोचना की तथा उन पर राजनीतिक लाभ के लिए हालात को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया।

तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री ने उनसे अनुरोध किया था तो उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए था। लेकिन उनका इरादा क्षेत्र में तनाव पैदा करना और परेशानी बढ़ाना है। एनसीडब्ल्यू और एनएचआरसी की टीम भी और परेशानी बढ़ाने में भाजपा को मदद करने के लिए क्षेत्र का दौरा कर रही हैं और वे नहीं चाहते कि क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल हो।’’

तृणमूल कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी घबराई हुई है, क्योंकि एनएचआरसी और राज्यपाल के दौरे से ‘‘तृणमूल और दंगाइयों के बीच सांठगांठ’’ का खुलासा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक के लिए दंगाइयों को संरक्षण दिया जा रहा है और तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है।

मजूमदार ने कहा, ‘‘तृणमूल घबराई हुई है क्योंकि उन्हें पता है कि इन दौरों से हिंसा के जिम्मेदार लोगों के साथ उनके संबंधों का खुलासा हो जाएगा। वे अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति के लिए दोषियों को बचा रहे हैं।’’

मालदा के पार लालपुर शिविर में कुछ समय के लिए तनाव बढ़ गया, जहां गुस्साए निवासियों ने जिला अधिकारियों को घेर लिया और आरोप लगाया कि उन पर शिविर छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

शिविर में रह रहे एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘यह शिविर जेल जैसा ही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे हमें घर वापस जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं, लेकिन वह क्षेत्र अभी भी असुरक्षित है। हम वापस जाने से पहले धुलियान में अपने इलाकों में बीएसएफ शिविर चाहते हैं।’’

प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा राज्य पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।

हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए अब तक 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

भाषा

खारी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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