गुवाहाटी, आठ अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में और इसके आसपास आलीशान होटलों का निर्माण किये जाने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया है।
मीडिया की खबरों पर संज्ञान लेते हुए नयी दिल्ली स्थित एनजीटी की प्रधान शाखा ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के प्रावधानों के तहत इस विषय में एक मामला दर्ज किया है।
इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अधिकरण ने मामले की सुनवाई शुरू करने के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की है।
असम सरकार द्वारा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के आसपास एक पांच सितारा होटल के निर्माण के लिए टाटा समूह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
यूनेस्को की एक वेबसाइट की ओर से कहा गया, ‘‘यह उद्यान (केएनपी) पूर्वी भारत के अंतिम क्षेत्रों में से एक है जो मानव उपस्थिति से अछूता है। इसमें एक सींग वाले गैंडों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के साथ-साथ बाघ, हाथी, पैंथर, भालू सहित कई स्तनधारी और हजारों पक्षी रहते हैं।’’
असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) ने शनिवार को 120 करोड़ रुपये की लागत से शानदार संपत्ति विकसित करने के लिए टाटा समूह की सहायक कंपनियों ‘अमलगमेटेड प्लांटेशन प्राइवेट लिमिटेड’ (एपीपीएल) और ‘इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड’ (आईएचसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू के तहत काजीरंगा में एक रिसॉर्ट और ‘स्पा’ खोला जाएगा। आईएचसीएल के सहयोग से एपीपीएल राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य क्षेत्र के पास इस शानदार सुविधा केंद्र को स्थापित करेगा।
अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखला हयात द्वारा केएनपी के पास एक और पांच सितारा होटल विकसित किया जा रहा है। पिछले साल 23 सितंबर को, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि एटीडीसी जल्द ही हयात ग्रुप के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जो केएनपी के बगल में 100 करोड़ रुपये का निवेश करके 100-120 कमरों का पांच सितारा रिसॉर्ट विकसित करेगा।
‘ग्रेटर काजीरंगा लैंड एंड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कमेटी’ ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि उद्यान के आसपास की जमीन के एक बड़े हिस्सा का ‘अवैध रूप से’ भूमि परिवर्तन कर दिया गया है और इसे बिना उचित नियमों का पालन किए पांच सितारा होटल बनाने के लिए बहुराष्ट्रीय आतिथ्य समूह को सौंपा जा रहा है।
भाषा संतोष मनीषा माधव
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