नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि असम के हैलाकांडी जिले में आरक्षित वन की ‘इनर लाइन’ के अंदर असम कमांडो बटालियन इकाई मुख्यालय के निर्माण के लिए कथित तौर पर अवैध रूप से अनुमति दिए जाने के मामले में उसके हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
एनजीटी ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने एक हलफनामे में कहा है कि परियोजना का निर्माण 20,000 वर्ग मीटर या लगभग 4.94 एकड़ तक ही सीमित रहेगा और नियमों के अनुसार, इस तरह के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
हरित निकाय ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि असम सरकार के शीर्ष वन अधिकारियों ने कमांडो बटालियन मुख्यालय के लिए 44 एकड़ संरक्षित वन भूमि को अवैध रूप से हस्तांतरित कर दिया था। यह परियोजना असम पुलिस आवासीय निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
एनजीटी अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 30 मई के आदेश में कहा, ‘‘25 अप्रैल, 2025 के हलफनामे में असम ने कहा है कि वह अपने निर्माण को 20,000 वर्गमीटर (सटीक तौर पर 19,668 वर्गमीटर) तक सीमित रखेगा। ऐसे निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।’’
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