नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विशाखापट्टनम की रसायन फैक्टरी में गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में शुक्रवार को केन्द्र, एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अन्य को नोटिस जारी किए.
इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं.
अधिकरण ने एलजी पॉलिमर्स इंडिया को 50 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने के भी निर्देश दिये.
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की और उसे 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा.
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पीठ ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया सामने आई जानकारी के अनुसार इस घटना में लोगों की जान गई, जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान हुआ है, हम एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा कराने के निर्देश देते हैं. यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और उससे हुई क्षति की सीमा के संबंध में तय की जा रही है.’
विशाखापट्टनम में बृहस्पतिवार तड़के एक रसायनिक संयंत्र से विषैली गैस का रिसाव हुआ और वह आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में तेजी से फैल गई जिसके कारण 11 लोगों की मौत हो गई और इसके प्रभाव से लगभग एक हजार लोग प्रभावित हो गए.
जहरीली गैस से बचने की कोशिश कर रहे कई लोग बेहोश हो गए थे.
यहां स्थित आर आर वेंकटपुरम गांव के समीप स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी एल जी पॉलीमर के संयंत्र से तड़के ढाई बजे स्टाइरीन गैस के रिसाव के कुछ घंटों बाद कई लोगों को बेहोशी की हालत में सड़कों पर गिरा हुआ पाया गया जिसके बाद किसी बड़ी औद्योगिक त्रासदी की आशंका जताई जाने लगी.