नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली नगर निगम को उस दलील के बाद फटकार लगाते हुए ‘‘गैरजिम्मेदार’’ बताया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की छंटाई पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होने का दावा किया गया था।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार के विभिन्न प्रखंड में 250 से ज्यादा पेड़ों की अवैध कटाई-छंटाई का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
न्यायाधिकरण ने 31 अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘‘एमसीडी का कहना है कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार, छंटाई से प्राप्त सामग्री ठेकेदार को दी गई थी और एमसीडी का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हमें एमसीडी का यह रुख गैर-जिम्मेदाराना लगता है, क्योंकि वृक्ष अधिकारी द्वारा लगाई गई छंटाई की शर्त का पालन करना जरूरी है।’’
याचिका में आरोप लगाया गया है कि छंटाई के नाम पर, 90-120 सेंटीमीटर की परिधि वाली पेड़ों की बड़ी शाखाओं को काटा गया, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम (डीपीटी अधिनियम), 1994 के अनुसार, वृक्ष अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना पेड़ों की छंटाई नहीं की जा सकती है।
भाषा शफीक दिलीप
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