नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान की राजधानी में संदिग्ध गैस रिसाव के बाद कई विद्यार्थियों के अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर के जिलाधिकारपी से जवाब तलब किया है।
अधिकरण ‘पीटीआई-भाषा’ की एक खबर पर स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था।
खबर के मुताबिक, जयपुर के महेश नगर क्षेत्र में 15 दिसंबर को एक कोचिंग संस्थान के 10 बच्चों को पास के नाले से संदिग्ध गैस रिसाव के कारण बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने 24 दिसंबर को दिए आदेश में कहा, “खबर में यह नहीं बताया गया कि गैस रिसाव के पीड़ितों को कोई मुआवजा दिया गया या नहीं। यह सार्वजनिक देयता बीमा अधिनियम और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है।”
अधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिवों, जयपुर के जिलाधिकारी, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय को प्रतिवादी या पक्षकार बनाया है।
एनजीटी ने कहा, “प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।”
मामले को अगली सुनवाई 10 फरवरी को भोपाल स्थित अधिकरण की मध्य क्षेत्र पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गयी है।
भाषा जितेंद्र प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.