नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वन भूमि पर अतिक्रमण के मुद्दे पर जवाब दाखिल नहीं करने के लिए मेघालय सरकार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
एनजीटी ने इससे पहले जनवरी 2024 में ‘पीटीआई-भाषा’ की एक खबर पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें बताया गया था कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 7,506 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र पर अतिक्रमण है जो दिल्ली के भौगोलिक क्षेत्र का पांच गुना है।
इसके बाद, अधिकरण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगे थे।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने 31 अक्टूबर को दिए गए आदेश में कहा कि मेघालय सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा गया था, लेकिन राज्य के अधिकारियों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।
पीठ ने कहा, “हम अधिकरण के आदेशों का पालन न करने, अधिकरण के समक्ष उपस्थित न होने और जवाब दाखिल न करने के लिए मेघालय सरकार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हैं।”
अधिकरण ने जुर्माना राशि एक सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया और राज्य सरकार को इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।
मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी 2026 के लिए तय की गई है।
भाषा खारी संतोष
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