नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक समिति का गठन किया है और यहां वसंत कुंज क्षेत्र में एक रुके हुए खुले नाले के कारण स्वास्थ्य खतरे के संबंध में एक याचिका पर रिपोर्ट मांगी है।
न्यायमूर्ति बृजेश सेठी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने आवेदक की शिकायत पर गौर करने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, नगर आयुक्त-दक्षिण दिल्ली नगर निगम और जिला मजिस्ट्रेट-दक्षिण दिल्ली के अधिकारी को मिलाकर समिति का गठन किया।
पीठ ने कहा, “संयुक्त समिति एक महीने के भीतर बैठक कर सकती है और मौके का मुआयना कर सकती है और आवेदक की शिकायत को देख सकती है।”
पीठ ने कहा, “तथ्यात्मक और कार्रवाई की रिपोर्ट में नाले में बहने वाले अपशिष्ट जल की मात्रा, इसकी विशेषताओं और अंतिम संगम, इस नाले का अवरोधन और इसे निर्दिष्ट एसटीपी में बदलना और अपशिष्ट जल का निर्वहन करने वाले उद्योग के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शामिल हो सकती है।”
अधिकरण ने निर्देश दिया कि रिपोर्ट तीन महीने के भीतर ई-मेल के जरिये पेश की जाए।
एनजीटी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर ई-2, वसंत कुंज के अध्यक्ष डीएस कटारा की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि बदबूदार नाले का पानी और सीवेज महिपालपुर की अनाधिकृत कॉलोनी और सोसायटी की उत्तरी सीमा के बीच बहने वाले नाले से बाउंड्री वॉल के माध्यम से सोसायटी में रिस रहा है।
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