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Tuesday, 7 May, 2024
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एनजीटी ने सीमा सड़क संगठन को उत्तराखंड में 10 हजार पेड़ लगाने का निर्देश दिया

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नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को उत्तराखंड में एक सड़क के निर्माण के दौरान पेड़ काटने के ऐवज में पौधरोपण के तहत एक महीने में कम से कम 10,000 पेड़ लगाने का निर्देश दिया है।

एनजीटी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दावा किया गया कि बीआरओ ने राज्य के चमोली जिले में रणनीतिक और पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में सिमली से ग्वालदम तक सड़क बनाते समय पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन किया।

न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने एक हालिया आदेश में कहा कि अधिकरण ने पिछले साल सितंबर में एक संयुक्त समिति बनाई थी जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, बीआरओ, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ चमोली के जिलाधिकारी और संभागीय वन अधिकारी को शामिल किया गया।

पीठ ने कहा कि अधिकरण ने संयुक्त समिति को वास्तविक स्थिति का सत्यापन करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

पीठ ने कहा कि संयुक्त समिति की रिपोर्ट के अनुसार बीआरओ ने सड़क निर्माण के दौरान अवैध तरीके से पेड़ नहीं काटे। उसने कहा कि हालांकि रिपोर्ट में इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं थी कि कितने पेड़ लगाये गये।

एनजीटी की पीठ ने कहा कि सिमली से ग्वालदम तक पूरे क्षेत्र में भूस्खलन की 17 घटनाएं हुई हैं और भूस्खलन पर नजर रखने, वृक्षों को हुए नुकसान का आकलन करने तथा उचित उपाय करने के लिए बीआरओ और वन विभाग के बीच संयुक्त प्रणाली विकसित करना जरूरी है।

उसने कहा, ‘‘हमारी राय है कि बीआरओ को सड़क निर्माण के दौरान काटे गये पेड़ों के एवज में पेड़ लगाने होंगे और संबंधित पट्टी में हुई भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए उचित उपाय करने होंगे।’’

पीठ ने कहा, ‘‘बीआरओ आज से एक महीने के अंदर संबंधित संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) के साथ समन्वय करते हुए कम से कम 10,000 पेड़ लगाने के लिए उचित कदम उठाएगा।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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