नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में वृक्ष गणना करते समय पड़ों की जियोटैगिंग की व्यवहार्यता का पता लगाने को कहा है।
एनजीटी दिल्ली के नाहरपुर गांव के पास हरित पट्टी में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था।
पंद्रह मई के आदेश में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील की इस दलील पर गौर किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी में वृक्ष गणना की जा रही है।
अदालत ने वकील की इस दलील पर भी गौर किया कि रिकॉर्डों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे पेड़ों की बार-बार कटाई करने वालों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
पीठ ने कहा, ‘सक्षम प्राधिकारी इस प्रक्रिया में पेड़ों की जियोटैगिंग की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे, यदि इसे पहले से शामिल नहीं किया गया है।’
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी तथा न्यायिक सदस्य अफरोज अहमद भी शामिल थे।
अधिकरण ने कहा कि अधिवक्ता के अनुसार, पेड़ों की अवैध कटाई के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है और दंडात्मक कार्रवाई की गई है, लेकिन यह पता लगाने के लिए कोई मौजूदा तंत्र नहीं है कि क्या एक ही व्यक्ति ने एक से अधिक बार उल्लंघन किया है।
मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 22 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया है।
भाषा
नोमान पवनेश
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