नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों ने सामाजिक क्षेत्र में बजट के आवंटन पर मंगलवार को नाखुशी जाहिर की। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लिए दिए जाने वाले धन में “कटौती” पर भी चिंता प्रकट की।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय को 2022-23 के बजट में 25,172.28 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले तीन प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा कुछ योजनाओं के लिए दिए जाने वाले धन में कटौती की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को बजट में 12 प्रतिशत अधिक धन आवंटित किया गया है लेकिन कई योजनाओं के लिए दिए जाने वाली राशि में कटौती की गई है। इसे लेकर ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (सीआरवाई), कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फॉउंडेशन (केएससीएफ) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन जैसे संगठनों ने नाखुशी जाहिर की।
‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ की सीईओ पूजा मारवाह ने कहा, ‘‘केंद्रीय बजट के अनुपात के तौर पर बच्चों के लिए बजटीय आवंटन
पिछले 10 साल में सबसे कम है। यह 2.41 प्रतिशत बिंदु तक घटा दिया गया है। ’’
केएससीएफ ने कहा कि राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना के लिए आवंटन में कमी की गई है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इसे 120 करोड़ रुपये से घटा कर 30 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
हेल्थएज इंडियान ने कहा, ‘‘महामारी के चलते बजट से काफी उम्मीदें थी क्योंकि उसने (महामारी ने) करीब 14 करोड़ बुजुर्ग आबादी की आय, पेंशन और स्वास्थ्य जरूरतों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। लेकिन बजट ने इन मुद्दों का हल नहीं किया।’’
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