जयपुर, 28 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आने वाले बजट में उनका पुरजोर प्रयास होगा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे उद्योग-व्यवसाय गति पकड़ें और हर वर्ग को तरक्की के लिए नए अवसर मिलें।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई है। आर्थिक गतिविधियों पर भी विपरीत असर पड़ा है। ऐसे में हमारा प्रयास होगा कि इस मुश्किल दौर में जरूरतमंद तबके को संबल मिले, रोजगार के अवसर बढ़ें तथा अर्थव्यवस्था पुनः पटरी पर लौटे। इसके लिए राज्य सरकार आने वाले बजट में सभी संभव प्रावधान करेगी।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण विगत दो वर्ष राज्य सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गो के सहयोग से राज्य सरकार ने इस विषम परिस्थिति में भी बेहतरीन वित्तीय प्रबंधन कर विकास कार्यों को गति दी है। गहलोत ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जरूरतमंदों को भरपूर सामाजिक सुरक्षा मिले और विकास में कहीं कमी ना आए।
गहलोत शुक्रवार को राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में समिति के सदस्यों ने राज्य के आगामी बजट को लेकर सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने इन सुझावों को गंभीरता से सुना और कहा कि उचित परीक्षण के बाद उपयुक्त सुझावों को बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा।
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में ‘एमनेस्टी स्कीम’ लागू की थी। इस योजना से ब्याज और जुर्माना में शत-प्रतिशत तक छूट प्रदान कर कोविड-19 से प्रभावित कारोबारियों को भरपूर राहत दी गई है।’’
उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपने सुझावों में राजस्व अर्जन संबंधी उपाय भी सम्मिलित करें, ताकि राज्य सरकार को अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में सुगमता हो सके।
बैठक में सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फोर्टी सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा पर्यटन, खाद्य पदार्थ व्यापार सहित व्यापार तथा उद्योग से जुडे़ विभिन्न सदस्यों ने आगामी राज्य बजट को लेकर सुझाव दिए।
भाषा कुंज पृथ्वी
अमित
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