तिरुवनंतपुरम, 13 मई (भाषा) केरल में वायनाड जिले के मुंडक्कई-चूरलमाला में पिछले साल हुए भूस्खलन की भयावह यादें लोगों के मन में अभी भी ताजा हैं, ऐसे में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान की अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।
मंगलुरु में हाल ही में नया रडार स्थापित किया गया है जिससे क्षेत्रीय स्तर पर अधिक सटीकता से मौसम पूर्वानुमान लगाए जाने की उम्मीद है।
आईएमडी की क्षेत्रीय निदेशक नीता के. गोपाल ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि अब तक जो प्रणाली थी, वह जिले स्तर पर मौसम की जानकारी देती थी। उन्होंने कहा, लेकिन अब विभाग मौजूदा ‘नाउकास्ट’ प्रणाली के तहत अधिक स्थानीय स्तर पर मौसम के बारे में चेतावनी जारी कर पाएगा।
गोपाल ने कहा, ‘‘नया रडार हमें अधिक सटीक और स्थानीय मौसम चेतावनियां देने में मदद करेगा, इससे केवल सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्र के लिए अलर्ट जारी किया जा सकेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस रडार से मौसम विभाग को सही अनुमान लगाने में मदद मिलेगी और वह यह पहचान सकेगा कि किस क्षेत्र में भारी बारिश या अन्य मौसम संबंधी घटनाएं हो सकती हैं।’’
गोपाल ने बताया कि इस नए रडार से कासरगोड, कन्नूर, कोझिकोड और वायनाड के कुछ हिस्सों का सटीक मौसम पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम स्थानीय मौसम जानकारी प्रदान करने में सक्षम होंगे, तो पूरे जिले के लिए अलर्ट जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि केवल उस क्षेत्र के लिए अलर्ट जारी किया जाएगा जो प्रभावित होने वाला है।’’
मौसम विभाग के कर्मचारियों को इस नई प्रणाली के तहत सटीक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और अलर्ट मलयालम और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी किए जाएंगे, ताकि किसी प्रकार की देरी न हो।
भाषा योगेश धीरज
धीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.