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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशबिबेक देबरॉय के साथ लोगों का दिल जीतेगी नई संसद टीवी, धर्म, अर्थव्यवस्था से जुड़े होंगे कई शो

बिबेक देबरॉय के साथ लोगों का दिल जीतेगी नई संसद टीवी, धर्म, अर्थव्यवस्था से जुड़े होंगे कई शो

संसद टीवी को लोकसभा और राज्यसभा टीवी को मर्ज करके बनाया जाएगा. इसमें दो चैनल होंगे- एक पूरे साल प्रसारण करेगा और दूसरा जब संसद का सत्र चल रहा होगा तब सक्रिय रहेगा.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक बहुत ही जल्द नई संसद टीवी लॉन्च होने वाला है. लॉन्च के साथ ही अर्थशास्त्री और लेखक बिबेक देबरॉय, पूर्व राज्यसभा सांसद कर्ण सिंह, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, अर्थशास्त्री संजीव सान्याल और प्रख्यात एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ अंबरीश मिथल कुछ ऐस प्रख्यात हाई प्रोफाइल लोग हैं जो टेलीविजन स्क्रीन की शोभा बढ़ाने वाले हैं.

देबरॉय हिंदू धर्म पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेंगे जबकि सिंह विभिन्न धर्मों पर एक शो पेश करेंगे जिसमें बौद्ध धर्म, इस्लाम और जैन धर्म शामिल होंगे. कांत, सान्याल और मिथल क्रमशः बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर कार्यक्रमों की मेजबानी करेंगे.

मौजूदा चैनलों लोकसभा (एलएसटीवी) और राज्यसभा टेलीविजन (आरएसटीवी) का विलय करके बनाया गया संसद टीवी जब भी संसद का सत्र चल रहा होगा तो दोनों सदनों की कार्रवाई का प्रसारण करेगा.

बाकी के समय में, हाई प्रोफाइल लोगों द्वारा इस पर स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, लिंग, धर्म, लोकतंत्र इत्यादि अन्य 15 प्रमुख कार्यक्रमों सहित समाचार और समसामयिक मामलों पर हिंदी और अंग्रेजी में शो प्रसारित किए जाएंगे.

देबरॉय हिंदू धर्म पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेंगे जबकि सिंह विभिन्न धर्मों पर एक शो पेश करेंगे जिसमें बौद्ध धर्म, इस्लाम और जैन धर्म शामिल होंगे. कांत, सान्याल और मिथल क्रमशः बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर कार्यक्रमों की मेजबानी करेंगे.

संसद के सूत्रों ने इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि संसद टीवी में दो चैनल शामिल होंगे- एक पूरे साल समाचार, समसामयिक मामलों, पैनल चर्चा और न्यूज़ फीचर्स का प्रसारण करेगा जबकि दूसरा तभी सक्रिय होगा जब सदन का सत्र चल रहा होगा.

जब सदन का सत्र चल रहा होगा तब एक चैनल लोकसभा की कार्यवाही का और दूसरा राज्यसभा की कार्यवाही का प्रसारण करेगा. राज्यसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं लेने की शर्त पर कहा कि, जब सदन का सत्र नहीं चल रहा होगा तो उस समय कार्यक्रम आम दर्शकों के साथ सिर्फ एक चैनल पर प्रसारित किए जाएंगे .

अधिकारी ने आगे कहा, ’50 नए कार्यक्रमों पर काम चल रहा है और वर्तमान में इनकी रिकॉर्डिंग की जा रही है. जबकि इनमें से 15 प्रमुख कार्यक्रम होंगे जो कि संसद के कामकाज, राज्य विधानसभाओं, वर्तमान मुद्दों आदि के विभिन्न पहलुओं पर हाई प्रोफाइल लोगों द्वारा होस्ट किया जाएगा. अधिकारी ने आगे कहा कि रोज़ाना आधे-एक घंटे का घंटे का दैनिक समाचार बुलेटिन भी होगा.’

लोकसभा सचिवालय की ओर से 1 मार्च को जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि एलएसटीवी और आरएसटीवी के विलय का फैसला राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संयुक्त रूप से लिया था.

हालांकि, विलय पर चर्चा पहले 2017 के आसपास शुरू हुई थी क्योंकि यह महसूस किया गया था कि दोनों चैनल प्रयासों और संसाधनों को डुप्लिकेट कर रहे थे, जिसकी वजह से अतिरिक्त वित्तीय बोझ पैदा हो रहा था.

नवंबर 2019 में मर्जर का ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट में संसद के लिए एक एकीकृत चैनल की सिफारिश की थी.

लोकसभा टेलीविजन की शुरुआत 2006 में तत्कालीन स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने की थी जबकि राज्यसभा टीवी 2011 में शुरू हुआ था.

 

कौन नियंत्रित करेगा संसद टीवी

संसद टीवी का नेतृत्व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर कर रहे हैं, जिन्हें मार्च में एक साल के लिए सीईओ नियुक्त किया गया था जबकि आईआरएस अधिकारी मनोज के अरोड़ा को अंतरिम एडिटर-इन-चीफ नियुक्त किया गया है.

चैनल के लिए एक गवर्निंग बॉडी और एक शीर्ष समिति होगी, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव सदस्य होंगे. शीर्ष समिति सामग्री और कार्यक्रमों पर निर्णय लेने सहित संसद टीवी का संचालन करेगी.

हालांकि, संसद टीवी के बजट को लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से साझा किया जाएगा.

लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा, ‘लोकसभा कुल लागत का दो तिहाई और राज्य सभा एक तिहाई वित्तीय भार वहन करेगी.

अभी तक संसद टीवी में लगभग 250 कर्मचारियों की संख्या है, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा टीवी दोनों के कर्मचारी शामिल हैं और इनमें लगभग 17-18 एंकर शामिल हैं. फिलहाल कोई नई हायरिंग शुरू नहीं की गई है. राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी ने कहा, ‘ये अनुबंधित कर्मचारी हैं. किसी की छंटनी नहीं की गई है.

संसद टीवी दिल्ली के उसी महादेव रोड स्थित कार्यालय से संचालित होगा, जहां से लोकसभा टीवी का संचालन किया जाता था.

लोकसभा सचिवालय के अधिकारी ने कहा, ‘कार्यालय में सभी तरह के बुनियादी ढांचों की व्यवस्था की गई है. संसद टीवी लॉन्च के लिए तैयार है. हम इसके उद्घाटन की तारीख के तय होने का इंतजार कर रहे हैं.


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